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हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं पर कंपनियों ने लगाया 52 पैसे प्रति यूनिट FSA, 2023 की जून से होगी वसूली

उपभोक्ताओं के बिल में 52 पैसे प्रति यूनिट ईंधन अधिभार समायोजन जोड़ दिया है। अब कंपनियां इस बढ़ी हुई दर की उपभोक्ताओं से 1 अप्रैल से जून 2023 तक इसकी वसूली करेगी।
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Newz Funda, Haryana Desk गर्मी का मौसम आते ही सबसे पहले दिमागी में बिजली का ख्याल आता है, आए भी क्यों ना आखिर ठंडी हवा से लेकर पानी तक सब बिजली पर ही निर्भर करता है।

गर्मियों में बिजली की अधिक खपत और उपर से महंगी बिजली की खबर मिलते ही उपभोक्ताओं का अभी से पसीना छूटना शुरू हो जाता है। अब बता दें कि हरियाणा सरकार ने राज्य के 69 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है।

क्योंकि बिजली वितरण कंपनियों ने उपभोक्ताओं के बिल में 52 पैसे प्रति यूनिट ईंधन अधिभार समायोजन जोड़ दिया है। जिसको लेकर कंपनियां द्वारा बढ़ी हुई दर की उपभोक्ताओं से 1 अप्रैल से जून 2023 तक वसूली करने का प्लान बना लिया है। बता दें कि हरियाणा में चौधरी रणजीत सिंह के पास बिजली का विभाग है। 

क्या होता है FSA

ईंधन अधिभार समायोजन (FSA) क्या होता है? बिजली उपभोक्ताओं के लिए यह बड़ा सवाल है। दरअसल, FSA को अल्पकालिक समझौतों के माध्यम से अतिरिक्त बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने पर खर्च की गई बिजली वितरण कंपनियों द्वारा राशि की वसूली के लिए प्रभावी किया जाता है।

निर्धारित यूनिट ज्यादा होने से लिया जाएगा खर्च 

प्रतिमाह 201 यूनिट की खपत करने वाले किसी भी उपभोक्ता को एक महीने के लिए 100.52 रुपये खर्च करने होंगे। हालांकि बिजली वितरण कंपनियों से इस बढ़ी हुई दर से किसानों को राहत दी है।

यह शुल्क किसानों से नहीं लिया जाएगा। बिजली वितरण कंपनियों ने किसानों के साथ ही 200 यूनिट प्रतिमाह तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी इससे बाहर रखा है। इस श्रेणी में आने वाले उपभोक्ताओं से भी यह शुल्क नहीं लिया जाएगा। 

ये है ईंधन अधिभार समायोजन

बता दें कि ईंधन अधिभार समायोजन यानि FSA को अल्पकालिक समझौतों के माध्यम से अतिरिक्त बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने पर खर्च की गई बिजली वितरण कंपनियों द्वारा राशि की वसूली के लिए प्रभावी किया जाता है।

उत्तर हरियाणा वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हरियाणा की बिजली विरतण कंपनियां हैं। इनके द्वारा जारी पत्र के अनुसार, एफएसए 47 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है। जबकि पांच पैसे प्रति यूनिट को टैक्स लेवी के रूप में बिलों में जोड़ा गया है।