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किसान को आखिर मिला न्याय, प्रशासन ने खुद दिलवाया Land का कब्जा; जानिए पूरा मामला ​​​​​​​

आखिर एक किसान को यमुनानगर-करनाल मार्ग में आई अपनी जमीन वापस मिल ही गई।

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Newz Funda, Yamunanagar खबर हरियाणा के यमुनानगर से है। यहां के जठलाना क्षेत्र के गांव गुमथला में एक किसान को आखिर लंबे समय बाद न्याय मिल ही गया।

प्रशासन ने खुद किसान को आकर उसकी जमीन का कब्जा दिलाया। बता दें कि किसान को गुमथला-यमुनानगर मार्ग में आ रही अपनी करीब साढ़े तीन मरले जमीन पर कब्जा लेना था।

जिसको लेकर लंबे समय बाद इंसाफ मिला। जिसके बाद यमुनानगर से गुमथला होते हुए करनाल जाने वाला रास्ता पूरी तरह से बाधित हो गया।

किसान ने सड़क के बीच में लगे सीमेंट के ब्लॉक को उखड़वा दिया और रास्ते में अपना ट्रैक्टर-ट्राली खड़ा कर दिया। इस तरह अधिकारियों की ओर से भी उसका सहयोग किया गया।

जिससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। रास्ता न मिलने के कारण वाहन चालकों को लौटना पड़ा। काफी वाहन 10 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करते हुए गांवों व रादौर से होते हुए आना जाना करने लगे।

इस दौरान कानूनगो सुरेंद्र मोहन, पटवारी तरूण व पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से जेई विशाल सिंगला मौके पर मौजूद रहे।

गांव गुमथला निवासी किसान इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उसकी करीब छह मरले भूमि गुरुद्वारा के पास मौजूद थी। जिसमें से करीब साढ़े तीन मरले जमीन पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने सड़क बना दी थी।

उन्होनें कई बार अपनी भूमि को लेकर विभाग के अधिकारियों से बातचीत की, लेकिन किसी ने उनकी भूमि का हक उन्हें देना उचित नहीं समझा।

जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो वर्ष 2011 में उन्होंने जिला न्यायालय में केस दायर कर दिया। जिस पर वह 2015 में यह केस जीत गए, लेकिन एक बार फिर से पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने न्यायालय में अपील दायर की।

उनकी यह अपील भी न्यायालय ने 2019 में खारिज कर दी। अगस्त 2022 में कोर्ट ने इस भूमि पर किसान को कब्जा दिलवाने के आदेश पारित किए। जिसमें अब अधिकारियों को नौ दिसंबर तक इसकी रिपोर्ट देने को कहा था।

किसी ने बात को गंभीरता से नहीं लिया

इसी मामले को लेकर गुरुवार को प्रशासन उन्हें यहां कब्जा दिलवाने पहुंचा था। उनकी मौजदूगी में उन्होंने अपनी साढ़े तीन मरले भूमि पर कब्जा ले लिया।

उन्होंने बताया कि रास्ता बाधित न हो इसके लिए उन्होंने कई बार विभाग के अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने भी उनकी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया।

अधिकारियों ने उन्हें इस जमीन का मुआवजा देने से भी मना कर दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने विभाग को जमीन का किराया देने के आदेश भी दिए थे, लेकिन वह भी विभाग ने उन्हें नहीं दिया।

जिस कारण आज उन्हें अपनी जमीन पर कब्जा लेने का कार्य किया। अब वह जमीन के किराये को लेकर भी न्यायालय में अपील करेंगे।

वहीं पूर्व जिला परिषद के पूर्व सदस्य व किसान नेता शिवकुमार संधाला ने कहा कि न्यायालय ने किसान को न्याय दिया है। सरकार व विभाग इस पूरे मामले में विफल रही है।

विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण आज यह रास्ता बंद हो गया है। जिससे हर दिन सैकड़ों की संख्या में वाहन गुजरते हैं।

इस रास्ते के बंद हो जाने के बाद क्षेत्र से इंद्री, करनाल व दिल्ली जाने वाले लोगों को लंबा रास्ता तय करने पर विवश होना होगा। विभाग इसका जल्द से जल्द दूसरा विकल्प निकाले और लोगों की इस परेशानी का समाधान करे।

कोर्ट के आदेशों को माना गया है

पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई विशाल सिंगला ने बताया कि मामला लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन था। विभाग ने किसान से कोई बातचीत की या नहीं इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।

रास्ते के विकल्प को लेकर उच्चाधिकारियों के आदेशों के अनुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। आज न्यायालय के आदेश पर किसान को कब्जा दे दिया गया है।