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शहीद सोमवीर ढुकिया की अंतिम यात्रा में गूंजे अमर रहे के नारे, भाई ने दी मुखाग्नि; माता-पिता ने चूमा माथा, Wife ने दी सलामी

हिसार के संडोल गांव के शहीद सोमवार ढुकिया की अंतिम यात्रा में सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने अमर रहे के नारे लगाए।

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Newz Funda, Haryana Desk सिक्किम में हुए हादसे में शहीद हरियाणा के हिसार जिले के संडोल गांव के सोमवीर ढुकिया की रविवार को अंतिम यात्रा निकाली गई। जिसके दौरान हजारों लोगों ने सोमवीर ढुकिया अमर रहे के नारे लगाकर अपने होनहार को अंतिम विदाई दी।

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गांव में पुलिस और सेना की मौजूदगी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर गांव के सरपंच प्रतिनिधि सरजीत मिठारवाल की ओर से घोषणा की गई कि गांव में आधा एकड़ में उनकी याद में पार्क का निर्माण करवाया जाएगा।

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उनका अंतिम संस्कार साथ लगते शहीद के स्मारक के साथ ही किया गया। गांव में पहले से शहीद श्रवण कुमार ढुकिया के नाम पर शहीद पार्क बनाया गया है। जिसके साथ ही सोमवीर का अंतिम संस्कार किया गया।

आपको बता दें कि रविवार को जैसे ही सोमवीर का शव लांधड़ी टोल प्लाजा पर पहुंचा, पूरे सम्मान के साथ यहां से यात्रा शुरू की गई। जिसके बाद लगभग 10 बजे प्रशासनिक अधिकारियों और सेना की मौजूदगी में हजारों लोगों की नम आंखों के बीच बॉडी गांव में उनके घर पहुंची।

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इस दौरान यात्रा की अगुआनी सेना के ट्रक में हजारों लोगों के बीच सरपंच प्रतिनिधि सरजीत मिठारवाल ने खुद की। जहां-जहां से भी यात्रा गुजरी, ग्रामीणों की ओर से नम आंखों के बीच फूल बरसाए गए। 

पंचायत की ओर से की गई पूरी व्यवस्था

ठीक सुबह 11 बजे उनका शव गांव के बाहर उनकी ढाणी पर पहुंचा, जहां पर हरियाणा सरकार के मंत्री अनूप धानक, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल और बीजेपी नेता आशा खेदड़ की ओर से भी उनको श्रद्धांजलि दी गई।

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इसके बाद परिवार की मौजूदगी में अंतिम विदाई शुरू हुई, जिसमें लोगों की ओर से शहीद सोमवीर अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा-सोमवीर तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय, वंदे मातरम जैसे नारे लगाए गए। सेना के ट्रक पर शहीद का शव रखा गया था। सेना और पुलिस के अधिकारी भी साथ चलते रहे। 

इससे पहले जैसे ही शव घर पहुंचा, माता-पिता ने शहीद का माथा चूमा, बहन और फौजी भाई ने सैल्यूट दिया। पत्नी भी उनकी देह से लिपट-लिपटकर रोईं। उनकी 3 साल की बेटी, 1 साल के बेटे पूरे घटनाक्रम से बेखबर ही दिखे। इसके बाद सेना के ट्रक के जरिए हजारों के कारवां में शव को अंतिम संस्कार के लिए नारों के बीच लाया गया।

यहां शहीद को सभी अधिकारियों, पिता, मां, पत्नी, बहन और भाई ने सलामी दी। इसके बाद सेना की ओर से उनके पिता और भाई को तिरंगा सौंपा गया। जिसके बाद हरियाणा पुलिस और सेना की सलामी के बाद भाई ने चिता को मुखाग्नि दी। 

12वीं की पढ़ाई के बाद गए थे फौज में 

पूरा प्रबंध गांव की पंचायत की ओर से किया गया था। आपको बता दें कि वे 26 जून 2015 को सेना में सेलेक्ट हुए थे। जिसके बाद पिछले सप्ताह ही छुट्टी काटकर गए थे। बताया गया है कि सोमवीर खो-खो में स्टेट विनर रहे हैं। 12वीं की पढ़ाई के बाद ही फौज में चले गए थे।  

इसके बाद भाई को देख ही छोटा भाई सुरेंद्र भी 2018 में आर्मी में चला गया था। जो फिलहाल महाराष्ट्र के पुणे में तैनात है। वे भी हॉकी के खिलाड़ी बताए गए हैं।

गांव के सरपंच प्रतिनिधि सरजीत मिठारवाल की ओर से बताया गया कि वे सोशल वर्क में भी आगे रहते थे। जब भी छुट्टी आते थे, दूसरे युवाओं को भी सेना के लिए प्रशिक्षण देते थे। पिछली बार 55 दिन की छुट्टी में भी यह सब करके गए हैं। उनकी शहादत पर पूरे गांव, जिले और प्रदेश को गर्व है।