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श्री राम के पदचिन्हों पर चलने वालों की कमी और रावण सबके अंदर जागा हुआ है: डेरा मुखी

दीपावली में रोशनी जगाई जाती है और यह सबको पता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत का वो दिन जब रामजी अयोध्या वापिस आए थेए घर-घर दिये जलेएखुशी मनाई गई। तो उसी त्यौहार को...

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Newz Funda, New Delhi उत्तर प्रदेश के जिला बागपत स्थित शाह सतनाम जी आश्रमए बरनावा से डेरा सच्चा सौदा मुखी ऑनलाइन गुरुकुल के माध्यम से साध.संगत से रूबरू हुए और साध.संगत को अपना आशीर्वाद दिया। साथ ही उन्होंने हमारे तीज.त्योहारों को पाक साफ और स्वच्छ तरीके से मनाने के बारे में आह्वान किया।

इस दौरान डेरा मुखी ने हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के परागपुर, नक्कीद्ध, हरियाणा के जींद, पंजाब के बठिंडा, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, राजस्थान के कोटा, दिल्ली के कंझावला स्थानों पर लाखों लोगों को नशा व अन्य सामाजिक बुराइया छुड़वाने  का प्रण कराया गया और उन्हें गुरुमंत्र दिया गया।

ऑनलाइन सत्संग करते हुए उन्होंने फरमाया कि यह त्योहार के दिन बड़ी खुशियां व उमंग लेकर आते है। दीवाली हर कोई मनाता हैए लेकिन हमने देखा है कि रामजी के पदचिन्हों पर चलने वालों की कमी है और रावण सबके अंदर जागा हुआ है।

दीपावली में रोशनी जगाई जाती है और यह सबको पता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत का वो दिन जब रामजी अयोध्या वापिस आए थे। घर-घर दिये जलेएखुशी मनाई गई। तो उसी त्यौहार को दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

लेकिन बड़े दर्द की बात हैए दुख की बात है कि आज लोग इन दिनों में जुआ खेलते हैए नशे करते हैए बुरे कर्म करते है और मनुष्य इसी को कहता है कि हम त्योहार को इंजॉय कर रहे है.

त्योहार को मना रहे है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि यह कोई त्योहार को मनाने का तरीका नहीं है। त्योहार जिस लिए बने थेए आज कलियुगी इन्सान उससे बहुत दूर हो चुका है। इन्सान को समझ ही नहीं आ रही कि कैसे त्योहार को मनाया जाए।

पटाके चला ना करें वातावरण को प्रदूषित 

अपने सत्संग के दौरान डेरा मुखी ने बताया कि हम दीपावली पर्व पर घी के दीये जलाते थे और पटाखे वगैरहा भी बजाते थे। लेकिन आज का दौर.

जिसमें जनसख्यां बहुत बढ़ गई हैए आज के समय में पेड़ बहुत कट गए हैए पानी बहुत नीचे चला गया है। इसलिए हो सकता है पहले पेड़ बेइंतहा हो और जो पटाखे चलते थे.

 उनसे जो प्रदूषण होता थाए वो जल्दी खत्म हो जाता था। आज प्रदूषण पहले ही बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है। लेकिन हमें आज तक यह समझ कभी नहीं आई कि जब पटाखे चलाते है तो उन्हें रोका जाता है।

उन्होंने कहा कि होली और दीवाली पर ही लोगों को प्रदूषण की याद आती है। हम इस हक में भी नहीं है कि आप पटाखे चलाकर प्रदूषण फैलाए, लेकिन हम इस हक में भी नहीं है कि इन त्योहारों में खुशी ना मनाए। 

धर्म के त्योहारों को मनाएं खुशी से 

डेरा सच्चा सौदा मुखी ने कहा कि अफसोस की बात है कि सभी का मुख्य फोक्स जो हमारे धर्मो के त्योहार हैए उनपर ज्यादा रहता है। हम सदा सच्ची बात आप लोगों के बीच में रखते है।

डेरा सभी धर्मो को मानते हैए हमने सभी धर्मो में देखा है कि ज्यादातर में देवी.देवताओंए फरिश्तों को उच्च दर्जे पर रखा जाता है। लेकिन हमारे हिंदु धर्म में हमें बड़ा दर्द होता है.

जब हमारे देवी-देवताओं जैसा रूप धारण कर कोई सड़क पर भीख मांग रहा है तो कोई हमारे देवी-देवताओं के बॉलीवुड की फिल्मों में रूप धारण करके उनकी बेइज्जती कर रहा है।

जिससे हमें बहुत दुख होता है। क्या सरकार इन सब लोगों के लिए कानून अलग अलग है, क्योंकि सभी का देश तो एक ही है। अन्य धर्मों के देवी देवताओं की ना तो बेइज्जती की जाती है, बल्कि उन्हे बहुत अच्छा दिखाया जाता है।

तो सिर्फ हिंदु धर्म के देवों की बेइज्जती ही क्यों की जाती है। हिंदु धर्म के त्योहारों पर ही निशाना क्यों साधा जाता है। ये बात हमे आज तक  समझ नहीं पाए है।