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Haryana में उंगलियों के निशान का क्लोन बना बदमाश कर रहे ठगी; बचने के लिए अपनाएं ये तरीके

दिनोंदिन हरियाणा में साइबर क्राइम की वारदात बढ़ रही हैं। ठग ठगी के लिए अनोखे तरीके अपना रहे हैं।

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Newz Funda, New Delhi बदलते जमाने के साथ जहां तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है, वहीं, ठगों ने भी नए तरीके अख्तियार कर लिए हैं। जिसके बाद ठगी को वारदात बड़े ही शातिर ढंग से की जा रही हैं।

आपको बता दें कि पुलिस जितनी हाईटेक होती है, ठग भी अपने आपको हाईटेक कर लेते हैं। खुलेआम मामले सामने आने के बाद पुलिस को खुली चुनौती दी जा रही है। जिसके बचाव के लिए बताने से पहले ठगी के तरीकों से रूबरू करवा रहे हैं।

आपको बता दें कि आधार सक्ष्म भुगतान प्रणाली (AEPS) के जरिए इसको अंजाम दिया जा रहा है। अपराधी यहां से लोगों के दस्तावेजों से उंगलियों और अंगूठों के निशान ले लेते हैं।

फिर शुरू होता है असली खेल। इसके बाद इन निशानों से क्लोन बनाया जाता है। फिर लाखों रुपए की ठगी को अंजाम दे दिया जाता है। अकेले हरियाणा की ही बात करें तो अभी तक यहां पर पुलिस को 400 कंप्लेन मिल चुकी हैं। जिनसे ठगी की गई है। 

ये लोग बड़े ही शातिर ढंग से ठगी को अंजाम देते हैं। सबसे पहले वेबसाइट आदि के जरिए सेल डीड या अन्य दस्तावेजों से अंगूठों के निशान उठाए जाते हैं।

फिर सहारा लिया जाता है क्लोनिंग का। जांच पड़ताल करते हैं कि कहीं आपके ये निशान किसी बैंक या अन्य से तो नहीं जुड़े हैं। जिसके बाद तकनीक की मदद से ठगी को अंजाम देकर खाता खाली कर दिया जाता है।  

इतनी सफाई से करते हैं काम

यह सब पुलिस की ओर से बताया गया है। सामने आया है कि सिलिकॉन अंगूठे बनाने के लिए बटर पेपर का भी सहारा लेते हैं। यहां पर उंगलियों और अंगूठे के निशान बड़ी सफाई से ले लेते हैं।

फिर ऑनलाइन उठाए गए खातों के दस्तावेजों से ही फर्जी खाता बना लेते हैं। जिसके बाद क्लोन किए गए निशान से सिलिकॉन फिंगर प्रिंट को यूज कर किसी ऐप की सहायता से लॉगिन कर लेते हैं।  

इसका एक ही इलाज है लाइवलीनेस। यह फीचर यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की ओर से पेश किया गया है। जिसमें आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) में डाला गया है।

सिर्फ इसी की मदद से फ्रॉड को रोका जा सकता है। अभी तक ऐसे मामलों में 18 लोगों को पुलिस काबू कर चुकी है।