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Haryana News: पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन का कड़ा एक्शन, ठोका जुर्माना

धान की कटाई के बाद पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा पंजीकृत गौशालाओं को किसान के खेत से पराली उठाने के लिए परिवहन प्रोत्साहन राशि 500 रुपये प्रति एकड़ तथा अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति गौशाला को देने के दिशा निर्देश है। 
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Newz Funda, Haryana Desk कई राज्यों में धान की कटाई शुरू हो गई है, ऐेसे में किसान फसल निकालने के बाद धान के बचे हुए अवशेषों को आग के हवाले कर देते है।

ऐसे में पराली से उठने वाले धूएं से एक ओर हवा प्रदूषित होती है बल्कि अस्थमा जैसे रोगियों के लिए खुले में निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

सरकार पराली को जलाने से रोकने के लिए प्रदेश स्तर पर विभिन्न प्रकार के प्रयास कर रही है लेकिन फिर भी किसान पराली को आग के हवाले कर रहे हैं। लेकिन अब सरकार कड़े एक्शन के मुड में है।

उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने बताया कि विभाग की ओर से धान फसल के अवशेष जलाने वाले किसानों पर कड़ा एक्शन लिया जा रहा है।

गांव मलड़ी में 2 व गांव दादू व कालांवाली में एक- एक एच.ए.आर.एस.ए.सी. द्वारा ए.एफ.एल. धान के खेतों में लगी आग की लोकेशन प्राप्त हुई थी।

जिस पर कार्यवाही करते हुए कुल 10 हजार रुपए जुर्माना किया गया है। उन्होंने बताया कि किसान अवशेषों को आग के हवाले करने की बजाएं उसके उचित प्रबंधन करें। ताकि वातावरण में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके। 

पराली को जलाने से कम होती है भूमि की उपजाऊ शक्ति

कृषि विशेषज्ञओं का मानना है कि धान के अवशेषों को जलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है। साथ ही जमीन के मौजूद सूक्ष्म जीव आग की वजह से खत्म हो जाते है।

जिसे भूमि की धीरे धीरे उपजाऊ शक्ति खत्म होने लगती है। वहीं दूसरी ओर खेतों में अधिक रसायन दवाओं का प्रयोग करने से भी भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो रही है। 

पराली प्रबंधन को लेकर सरकार देगी प्रोत्साहन राशि

पराली जलने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार की ओर से अनेक प्रयास किए जा रहे है। सबसे पहले पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा पंजीकृत गौशालाओं को किसान के खेत से धान के अवशेष उठाने यानि पराली उठाने के लिए परिवहन प्रोत्साहन राशि 500 रुपये प्रति एकड़ तथा अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति गौशाला दी जाएगी।

वहीं दूसरी ओर किसानों को खेत में धान की पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठे बनाने के लिए भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिसके लिए किसानों को संबंधित पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।

आपकों बता दें कि जिलाधीश पार्थ गुप्ता ने दण्ड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत धान कटाई के बचे हुए अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

किसी भी फसलों के अवशेष जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 आईपीसी एंव संगठित वायु एंव प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 का उल्लंघन है व पराली में आग लगाने वाले किसानों पर सख्त कानूनी कार्यवाहीए चालान ध् एफआईआर दर्ज करने के आदेश है।