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Bond Policy: हरियाणा के CM के कार्यक्रम में जा रहे MBBS छात्रों को पुलिस ने लिया हिरासत में, जानें पूरी जानाकरी

हरियाणा के सीएम के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे छात्रों को पुलिस ने नहीं जाने दिया, गेट से ही उनहें हिरासत में ले लिया गया. पढ़ें आगे की खबर 

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Newz Funda, Haryana Bond Policy: हरियाणा के करनाल में भगवान परशुराम महाकुंभ का राज्यस्तरीय सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन मे मुख्यअतिथि के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहुंचे हैं। वहीं पिछले 41 दिन से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे MBBS छात्र CM से मिलने के लिए निकल गए।

जब छात्र कार्यक्रम के नजदीक पहुंचे तो गेट के पास तैनात पुलिस ने उन्हें रोककर हिरासत में ले लिया। साथ ही पुलिस वैन में भरकर सिविल लाइन थाना ले जाया गया ताकि कोई भी छात्र कार्यक्रम की तरफ न जा सके। मुख्यमंत्री के जाने के बाद सभी छात्रों को रिहा कर दिया जाएगा।

पुलिस बस में बैठी छात्रांए।

इस दौरान पुलिस ने सभी छात्र व छात्राओं को हिरासत में लेकर उन्हें अलग-अलग वैन में बैठा लिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि इस दौरान छात्रों के अलावा भी कई युवाओं को पुलिस ने एमबीबीएस छात्र समझकर उन्हें हिरासत में लिया। 

छात्राओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस दौरान उन सभी के फोन भी कब्जे में ले लिए। छात्राओं ने कहा की फोन लेने के बाद उनके परिवार के लोग उनके फोन का इंतजार कर रहे होंगे। अब परिवार के लोग भी उनको लेकर चिंतित होंगे।

इस दौरान पुलिस हिरासत में ली गई छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि आज रविवार था और छुट्टी थी तो वह वैसे ही मॉल में घूमने के लिए सेक्टर 12 की तरफ आई थी। एक छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि वह MBBS छात्रा भी नहीं थी। उसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। उसका भी फोन पुलिस ने छीन लिया।

हिरासत में ली गई छात्रांए।

पुलिस हिरासत में MBBS विद्यार्थियों ने कहा कि वह पिछले 41 दिन से बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं। 41 दिन से उनकी कक्षाएं तक भी नहीं लगी है। 

यह सरकार सरकार जनता से भी उनका अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाने का इक छीन रही है। एक पैसे के बल पर तैयार डॉक्टर अच्छा होगा या मेरिट के आधार पर तैयार किया हुआ। मेरिट वालों के सामने फीस का पहाड़ खड़ा कर दिया है, जिस कारण वे दाखिले से वंचित रह रहे हैं।

छात्रों की ये है मुख्य मांगें

- सरकारी कॉलेज से पास आउट छात्रों के लिए सिर्फ एक साल सरकारी अस्पताल में नौकरी का प्रावधान हो।

- डिग्री पूरा होने के दो माह के अंदर पोस्टिंग दी जाए। वरना विद्यार्थी को बॉन्ड से मुक्त किया जाना चाहिए।

- कोई छात्र इस पोस्टिंग को जॉइन नहीं करता है तो बॉन्ड उल्लंघन की राशि अधिकतम 10 लाख होनी चाहिए।

- बैंक द्वारा छात्र के नाम पर लोन उस स्थिति में सेंक्शन किया जाना चाहिए, जब वह सरकारी पोस्टिंग को ठुकराता है।

- छात्र को कहीं पीजी सीट एमडी, एमएस में दाखिला मिल जाता है तो उसे पीजी कोर्स पूरा करने के बाद सेवा पूरी करने की अनुमति दी जाए।

वहीं मौके पर मौजूद सिविल लाइन थाने के SHO ललित कुमार ने बताया कि आज CM का कार्यक्रम था तो सभी MBBS छात्र इस कार्यक्रम में घुसने की कोशिश कर रहे थे। किसी भी आम छात्र को पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया है। मुख्यमंत्री के जाने के बाद सभी छात्रों को छोड़ दिया जाएगा।