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किस कारण होती थी समुद्री लुटेरों की एक आँख पर पट्टी ?

समुद्री लुटेरों की कहानी का अपना रोमांच होता है और बहुत सारे लोगों को इनकी कहानियां भी खूब लुभाती हैं. यह सिलसिला कोई नया नहीं है बल्कि सदियों पुराना है. पायरेट्स यानि समुद्री लुटेरों की तस्वीरों में भी उनका एक अलग ही लेकिन खास अंदाज होता है...
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Newz Funda Newdelhi: समुद्री लुटेरों की कहानी का अपना रोमांच होता है और बहुत सारे लोगों को इनकी कहानियां भी खूब लुभाती हैं.  यह सिलसिला कोई नया नहीं है बल्कि सदियों पुराना है. पायरेट्स यानि समुद्री लुटेरों की तस्वीरों में भी उनका एक अलग ही लेकिन खास अंदाज होता है, तीन नोकों वाली टोपी और चुस्त काली पैंट के साथ आंख पर एक पट्टी जरूर लगी मिलती थी. लेकिन आंख में इस पट्टी की क्या वजह रहती है. क्या यह महज फैशन की तरह इस्तेमाल होते है या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है जो समुद्री लुटेरों के लिए उपयोगी होता है या फिर इसके पीछे किसी अंधविश्वास या अन्य कहानी है.

कहानियों किरदारों ने भी दी है हवा
वजह जो भी हो एक आंख में पट्टी समुद्री लुटेरे संबधी फैशन का हिस्सा जरूर बन गया. लेकिन इसमें कहानियों की भी कम भूमिका नहीं है. कई उपन्यासों और कहानियों में ऐसे किरदार रचे गए जिनकी एक आंख को पट्टी से ढका बताया गया और उसकी वजह यही थी कि या तो उनकी उस आंख में चोट लगी हुई होती थी या फिर एक आंख ही नहीं होती थी. स्पॉन्जबॉब स्क्वायरपैंट्स नाम की अमेरिका कॉमेडी एनमेटेड टीवी सीरीज में किरदार की बचपन से ही एक आंख नहीं थी इसलिए उसे पट्टी पहने दिखाया गया था. ट

लेकिन सभी का हाल ऐसा नहीं
लेकिन हर किरदार को ऐसा ही दिखाया गया ऐसा भी नहीं है. इसके सबसे मशहूर उदाहरण पायरेट्स ऑफ कैरेबियन मूवी सीरीज के प्रमुख किरदार जैक स्पैरो को दोनों आखें सही सलामत वाला और आंख में बिना किसी पट्टी के ही दिखाया गया है. और हकीकत भी यही है समुद्री लुटेरे किसी नियम के तहत ऐसी पट्टी का उपयोग नहीं करते हैं यही कारण है कि हर तस्वीर में पायरेट आंख में पट्टी लगाते हुए नहीं दिखता है.

फसानों के बीच हकीकत भी
एक समुद्री लुटेरा रहमा इब्न जबिर अल जलहामी नाम के एक समुद्री लुटेरा, जो अरब की खाड़ी में एक बहुत ही सफल लुटेरा हुआ करता था, उसके बारे में मशहूर था कि वह अपनी एक आंख पट्टी से ढककर रखता था, जबसे उन्होने अपनी वह आंख एक लड़ाई में गंवा दी थी. शायद इस सच्ची किस्से ने भी कहानीकारों और चित्राकारों को ऐसे किरदार और तस्वीरें रचने के लिए प्रेरित किया होगा.

 

तो क्या पट्टी केवल एक कहानी ही है?
यह भी एक सच ही है कि एक आंख पर पट्टी समुद्री लुटेरों में नियमित वेशभूषा का हिस्सा नहीं तो कई बार उपयोग में जरूरत लाई जाने वाली चीज हुआ करती है. इसके पीछे किसी स्टाइल. या एक आंख को छिपाने की जरूरत नहीं बल्कि वे हालात हैं जिससे समुद्री लुटेरे और अचानक आए अंधेरे और रोशनी के हालात से निपटने की जरूरत होती है.

रोशनी और अंधेरे की आंख मिचौली
समुद्री लुटेरों का जीवन समुद्र पर रहने से काफी मुश्किलों भरा होता है. ऊपर डेक पर और नीचे अंधेरे में आने जाने से उन्हें बार बार रोशनी और अंधेरे में आना जाना पड़ता है. डेक के ऊपर समुद्र पर रोशनी पड़ कर प्रतिबिम्बित होने से वहां चमक कुछ ज्यादा ही रहती है. इससे अंधेरे से रोशनी और रोशनी से अंधेर में जाने में उनकी आंखों को हालात के अनुसार ढलने में 20-30 मिनट का समय लगता है.

 

समुद्री लुटेरे सदियों से एक आंख में पट्टी लगाते आ रहे हैं जो उनके लिए सुविधाजनक भी होता है.
(प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

रोशनी अंधेरा और आंख
जब हमारी आंख अचानक से अधेरे या रोशनी का सामना करती है. जैसा कि रात को बिजली जाने या आने पर होता है तब आंखे बदली स्थिति के अनुसार ढलने का प्रयास करती है. अचानक अंधेरा छा जाने पर हमारी आंख की पुतली बड़ी होती या फैलती है जिससे कि और प्रकाश अंदर जा सके.लेकिन यह अंधेरे में देखने के लिए रोशनी पर्याप्त नहीं होती और रोडोरप्सिन नाम का रसायन हिस्सों में बंट जाता है तंत्रिकाओं के जरिए हमारे दिमाग को संदेश देता है कि आंखों को इस तरह से रखे कि वह धुधले प्रकाश को भी देख सके.

लेकिन समस्या ये है कि रोडोप्सिन अंधेरे में नहीं निकलता है  इसलिए आंख को सही नजर हासिल करने केलिए रसायनों का संयोजन स्थापित करने में 20-30 मिनट लग जाते हैं. लेकिन एक आंख पर पट्टी लगाने से इसमें मदद मिलती है. समुद्री लुटेरे इससे एक आंख को अंधेरे के लिए और एक आंख को हमेशा रोशनी के लिए तैयार रखते हैं. वे अंधेरे जाने पर पट्टी को एक आंख से हटा कर दूसरी आंख पर लगा देते हैं जिससे उन्हें ठीक से देखने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता और तुरंत ही अंधेरे में देख पाते हैं.