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Sucess Story: विदेश में नौकरी के साथ की UPSC की तैयारी, परीक्षा में 61वीं रैंक हासिल कर बने टॉपर, अब है नोएडा के DM

मनीष वर्मा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपने करिअर की शुरुआत पीलीभीत जिले से की थी। IAS मनीष वर्मा 2017 में 15 दिनों के लिए नोएडा अथॉरिटी में बतौर CEO भी काम कर चुके हैं।

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Newz Funda, New Delhi कड़ी मेहनत और लगन से हर व्यक्ति के हाथ सफलता जरूरी लगती है, हां इसमें समय लग सकता है लेकिन ऐसा नहीं है कि ये असंभव है। इसका एक जीता जागता उदाहरण है नोएडा के नवागत DM मनीष वर्मा।

DM मनीष वर्मा इससे पहले कई जिलों में प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में उनका सफर कैसा रहाए IAS बनने की पूरी कहानी और जीवन में आने-वाले उतार-चढ़ाव को उन्होंने कैसे संभाला। आइए बताते है उनकी लाइफ कैसे रही। 

IAS मनीष वर्मा  कुशीनगर जिले के रहने वाले हैं। ITI कानपुर से उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है। UPSC की तैयारी करने से पहले वह जर्मनी की एक इनवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म में काम करते थे।

नौकरी करते हुए ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में सफलता हासिल की। वह 2011 बैच के IAS अधिकारी हैं। उनकी ऑल इंडिया रैंक 61 थी। 

करिअर में इन जिलों में किया है काम

मनीष वर्मा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपने करिअर की शुरुआत पीलीभीत जिले से की थीए जब उन्हें वहां का प्रोबेशनरी DM बनाया गया था। इसके बाद फिर वह मथुरा और प्रतापगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी रहे।

गौतमबुद्ध नगर जिले में उनका यह दूसरा कार्यकाल है। पहली बार वह केवल 15 दिनों के लिए नोएडा में उनकी तैनाती की गई थी। इसके बाद उन्हें कौशांबी जिले के डीएम के रूप में वहां भेजा गया था।

स्मार्ट सिटी नोएडा में इस वजह से मिली तैनाती 

IAS अधिकारी मनीष वर्मा नोएडा में ज्वाइन करने से पहले जौनपुर के जिलाधिकारी के रूप में कार्य कर रहे थे। लेकिन नोएडा के तत्कालीन डीएम और बैडमिंटन के विश्वस्तरीय खिलाड़ी सुहास एलवाई का प्रमोशन होते ही उन्हे लखनऊ में खेल सचिव के पद पर तैनाती मिली है।

जिसकी वजह से अब नोएडा के डीएम पद का कार्यभार सरकार ने आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा को सौंपी है। ऐसे में नोएडा में काम करने का उनके पास पहले का भी अनुभव हैए जो उनके काम आएगा।