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Success story: 'कौन बनेगा करोड़पति' में 1 करोड़ जिते और अब 2 बार क्रैक किया UPSC एग्जाम, जानिए कौन है यह आईपीएस ऑफिसर

 भारत ही नहीं देशभर में UPSC की परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. इसे पास करने के लिए व्यक्ति को मेहनत के साथ साथ धैर्य से भी काम लेना चाहिए क्यूंकि बहुत ही कम ऐसे ऑफिसर्स हैं जिन्होंने इसे पहली ही बार में पास कर दिखाया है.
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Success story: 'कौन बनेगा करोड़पति' में 1 करोड़ जिते और अब 2 बार क्रैक किया UPSC एग्जाम, जानिए कौन है यह आईपीएस ऑफिसर 

Newz Funda, New delhi: भारत ही नहीं देशभर में UPSC की परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. इसे पास करने के लिए व्यक्ति को मेहनत के साथ साथ धैर्य से भी काम लेना चाहिए क्यूंकि बहुत ही कम ऐसे ऑफिसर्स हैं जिन्होंने इसे पहली ही बार में पास कर दिखाया है.

इस एग्जाम को पास करने का सपना तो हर उम्मीद्वार देखता है पर कुछ ही अपने इस सपने को पूरा कर पाते हैं. UPSC के लेवल तक जाने के लिए आपको दिन रात जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है. यही नहीं आपको इसमें आने वाले हर का भरपूर ज्ञान होने बहुत ज़रूरी है.

UPSC की परीक्षा पास कर लेने वालों के चर्चे बहुत होते हैं और हों भी क्यों ना आखिर यह मुकाम इतनी आसानी से हासिल नहीं होता है. परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को उनकी रैंक और वरीयता के आधार पर IAS, IPS, IFS आदि पद अलॉट किए जाते हैं.

रवि मोहन सैनी की लाइफ इवेंटफुल रही है. वह केवल 14 साल के थे जब 2001 में एक चार्ट-बस्टिंग टेलीविज़न शो में आकर वह नेशनल सेंसेशन बन गए. बाद में, वह एक एमबीबीएस डॉक्टर और अंततः एक सिविल सेवक बन गए. कौन हैं रवि मोहन सैनी?


रवि मोहन सैनी ने अमिताभ बच्चन द्वारा आयोजित गेम शो कौन बनेगा करोड़पति जूनियर जीता. 15 कठिन सवालों का जवाब देकर उन्होंने 1 करोड़ रुपये जीते थे. तब उन्होंने सुर्खियां बटोरी थीं. 20 साल बाद वह तब वायरल सनसनी बन गए जब 2021 में वह गुजरात के एक शहर के एसपी बने.
रवि हमेशा एक अच्छे स्टूडेंट थे. जब वह शो में आए तब वह 10वीं कक्षा में थे. वह शो में अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे और मेगा स्टार से मिलना चाहते थे. उस जीत से उनका आत्मविश्वास बढ़ा.

रवि हमेशा टॉपर रहते थे. उन्होंने जयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिए कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की.

उनके पिता एक नौसेना अधिकारी थे. वह अपने पिता से प्रेरणा लेकर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल हुए. वह 2012 में मुख्य परीक्षा पास नहीं कर सके. 2013 में, उन्हें भारतीय डाक विभाग के लेखा और वित्त सेवाओं के लिए चुना गया।

वर्ष 2014 में, उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 461 के साथ परीक्षा पास की. जब वह मेडिकल इंटर्नशिप कर रहे थे तब उन्होंने यूपीएससी क्लियर किया.