home page

Success Story: भट्ठे पर ईंट बनाते बनाते बड़ी बहन बनी MA टाॅपर तो छोटी बहन ने क्रेक किया NEET का एग्जाम

अकसर आपने सुना होगा कि मंजिल को हासिल करने वाले रास्ते में आनी वाली मुश्किलों को देखा नहीं करते। उन्हें तो कैसे भी कर अपनी मंजिल तक पहुंचना होता है। ऐसा ही कुछ डुमरडीह की रहने वाली दो बहनों ने कर दिखाय है। जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी मंजिल को पा लिया। 
 | 
neet

Newz Funda, Viral Story दुर्ग जिले के ग्राम डुमरडीह में रहने वाली दोनों बहनों युक्ति चक्रधारी व यमुना चक्रधारी ने अपने चट्टान जैसे मजबूत इरादों के साथ विषम परिस्थितियों को मात दी। ईंट बनाने के काम के साथ दोनों बहनों ने ना केवल पढ़ाई को जारी रखा,

बल्कि उसमें शानदार उपलब्धियां हासिल कीं। बड़ी बहन युक्ति यूनिवर्सिटी दूसरी टॉपर रहीं, तो छोटी यमुना ने मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा NEET में सफलता हासिल कर मिसाल प्रस्तुत की है।

यमुना ने नीट में 720 में से 516 अंक लेकर ऑल इंडिया रैंक 93,683 व कैटेगिरी OBC रैंक 42 हजार 864 हासिल की। इनकी मेहनत और पढ़ाई के प्रति लगन उन विद्यार्थियों के लिए प्ररेणा है, जिनको पूरी सुविधाएं नहीं मिल पातीं। दोनों बहनें प्रतिदिन 8 से 10 घंटे ईंट बनाने व परिवार के काम उपरांत पढ़ाई के लिए समय निकालती है। 

Also Read: OYO New Rule 2023: OYO होटल में अब नहीं होगा ये काम, गर्लफ्रेंड ले जाने से पहले चेक कर लें नए नियम

मोबाइल फोन भी नहीं पुस्तकों से ही की थी पढ़ाई

संचार क्रांति के इस दौर में दोनों बहनों के पास मोबाइल फोन भी नहीं है। इसकी वजह से उन्होंने पुस्तकों की मदद से ही पढ़ाई कर परीक्षा की तैयारी की। माता कुसुम निरक्षर हैए मगर अपनी बेटियों की सफलता से बहुत खुश है।

वे कहती है कि दिनभर कड़ी मेहनत के बावजूद रात में जागकर पढ़ाई कर यह सफलता पाई है। पिता बैजनाथ परिवार में हो रही एक मोबाइलफोन नहीं होने की वजह से बेटी के नीट में सफल होने की जानकारी उन्हें गुरुवार शाम तक नहीं हो पाई थी।

Also Read: OYO New Rule 2023: OYO होटल में अब नहीं होगा ये काम, गर्लफ्रेंड ले जाने से पहले चेक कर लें नए नियम

ऐसे किया लक्ष्य को हासिल

शासकीय महाविद्यालय उतई की छात्रा रही युक्ति ने एमए इतिहास की परीक्षा 84 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण कर वर्ष । 2022 हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की प्रावीण्य सूची में द्वितीय स्थान अर्जित किया है। इसी प्रकार  B.sc अंतिम की छात्रा यमुना ने बिना कोचिंग नीट 2023 की परीक्षा में सफलता अर्जित की है।

यमुना ने वर्ष 2019 में बारहवीं बोर्ड की परीक्षा 90ण्8 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। उनकी प्रतिभा को देखते हुए कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतई के शिक्षक- शिक्षिकाओं एवं उतई के चिकित्सक डॉ. अश्वनी चंद्राकर ने उन्हें नीट परीक्षा दिलाने प्रोत्साहित किया।

डॉ. चंद्राकर की मदद से उन्होंने इस हेतु एक निजी कोचिंग में प्रवेश तो लिया, मगर कोरोना महामारी के चलते वे कोचिंग पूरी नहीं कर पाई। इस बीच पढ़ाई जारी रखने के लिए यमुना ने उतई कॉलेज में बीएससी में प्रवेश ले लियाए पर डॉक्टर बनने का सपना दिल में जिंदा रखा।

MBBS में प्रवेश का लक्ष्य बना चुकी यमुना ने बीएससी पढ़ाई के साथ नोट की तैयारी जारी रखी। इस वर्ष उन्होंने बीएससी की अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है। साथ ही बिना कोचिंग के नीट में भी शामिल हुई। यमुना अपनी इस सफलता का श्रेय शिक्षक शिक्षकाओं व डॉण् अश्वनी चंद्राकर के मार्गदर्शन को देती है।

Also Read: OYO New Rule 2023: OYO होटल में अब नहीं होगा ये काम, गर्लफ्रेंड ले जाने से पहले चेक कर लें नए नियम

ईंट निर्माण ही परिवार के आजीविका का एकमात्र साधन

युक्ति व यमुना ने बताया कि उनके परिवार में तीन बहनें एवं एक भाई है। उनके पिता बैजनाथ चक्रधारी एवं माता कुसुम चक्रधारी शुरू से ईंट निर्माण का कार्य करते आ रहे हैं। उनके छह सदस्यीय परिवार के आजीविका का एकमात्र साधन ईंट निर्माण है।

घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से बिना कोई मजदूर लगाए पूरा परिवार मिलकर ईंट बनाने का कार्य करते हैं। वे रोज सुबह 6 से 11 एवं शाम को 5 से 10 बजे रात तक ईंट बनाने के साथ ही घर का भी काम करती है।