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Success Story: 365 दिन की तैयारी के बाद स्मिता ने हासिल किया IAS का मुकाम, हौसले की उड़ान सातवें आसमान पर

देश के विभिन्न IAS ऑफिसरों की कामजाबी की कहानी तो आपने अक्सर पढ़ी ही होगी। IAS की कामजाबी के इस सफर की अक्सर कोई ना कोई कहानी वह जरूर बताते है।

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samita

Newz Funda, New Delhi देश के विभिन्न प्रदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे IAS ऑफिसर अक्सर अपने खास कामों के लिए समाज पर एक खास छाप छोड़ जाते हैं। इन्ही सफल IAS अधिकारियों में से एक नाम है स्मिता सभरवाल।

IAS ऑफिसरों में से ये एक ऐसा नाम है जो अब किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उनके नाम पुलिस बहादुरी के कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैंए जिन्हें तोड़ पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। आज हम आपको बताएंगे आईएएस स्मिता सभरवाल के जीवन के बारें में

12वीं में बनीं बोर्ड टॉपर

स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुआ था। स्मिता के पिता रिटायर्ड सेना अधिकारी कर्नल प्रणब दास हैं और मां का नाम पुरबी दास है। पिता की आर्मी की नौकरी में होने की वजह से स्मिता अलग-अलग शहरों में पली-बढ़ी हैं।

रिटायरमेंट के बाद वे हैदराबाद में सेटल हो गए। स्मिता की स्कूलिंग वहीं हुई है। वे 12वीं में बोर्ड टॉपर थीं। फिर उन्होंने कॉमर्स स्ट्रीम से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी।

जनता की अधिकारी

आईएएस स्मिता सभरवाल वर्तमान में तेलंगाना में तैनात हैं। उन्हें जनता की अधिकारी भी कहा जाता है। उच्च अधिकारी के पद पर तैनात होने के चलते उनके काम करने का अंदाज काफी हटकर है। उनके संघर्ष और ईमानदारी ने उन्हें जनता के बीच काफी लोकप्रिय बना दिया है। उनके दबंग अंदाज को देखकर लोग उनका काफी सम्मान करते हैं।

CM कार्यलय में हुईं तैनात

IAS स्मिता तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी  हैं. स्मिता ने आईपीएस ऑफिसर डॉ. अकुन सभरवाल (IPS Akun Sabharwal) से शादी की है.

उनके दो बच्‍चे नानक (Nanak Sabharwal) और भुविश हैं. स्मिता सभरवाल सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहती हैं. उनके काम करने के अंदाज और गरीबों की मदद के जुनून को सराहा जाता है.

दूसरे प्रयास में मिली सफलता

स्मिता सभरवाल (IAS Smita Sabharwal) अपने पहले अटेंप्ट में प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाई थीं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दोगुनी मेहनत के साथ तैयारी की.

साल 2000 में अपने दूसरे प्रयास में वे यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास करने वाली सबसे कम उम्र की स्टूडेंट बनीं. इसमें उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 4th रैंक हासिल की थी (Smita Sabharwal Rank).

तेलंगाना कैडर से IAS की ट्रेनिंग

स्मिता ने तेलंगाना कैडर से आईएएस की ट्रेनिंग ली थी. नियुक्ति के बाद वे चित्तूर में सब-कलेक्टर रहीं. वे कडप्पा रूरल डेवलपमेंट Agency की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल की नगर निगम कमिश्नर और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही हैं.

वे तेलंगाना के वारंगल, विशाखापट्टनम, करीमनगर और चित्तूर में पोस्टेड रह चुकी हैं. उन्हें हर जगह काफी सम्मान मिला.