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Success Story: अचार, चाय मसाला, पापड़...दादी और पोती ने बनाई जोड़ी, हर घर पहुंच गया 'अम्मीजी' की लाजवाब स्वाद

आज स्‍टार्टअप फर्म देशभर में अपने 40 से ज्‍यादा उत्‍पादों की बिक्री करती है। दिल्‍ली से लेकर मेघालय और केरल तक कंपनी के ग्राहक हैं।
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Newz Funda, New Delhi अम्‍मीजी ब्रांड चाय मसालाए पापड़ से लेकर चटनी और अचार तक 40 से अधिक प्रोडक्‍टों की बिक्री करती है। अम्‍मीजी कोई और नहीं बल्कि दिल्ली की अमृता की दादी राजिंदर कौर हैं।

इस वेंचर की शुरुआत एक प्रोडक्‍ट से हुई थी। बाद में प्रोडक्‍टों की बढ़ी रेंज बन गई। घर की दादी और नानी के तजुर्बे अक्सर छोटों के बहुत काम आते है। यहीं तजुर्बे कभी कभी अपने परिवार के लिए कमाई के नए रास्ते खोल देते है।

अचार, चाय मसाला, पापड़ जैसे प्रोडक्‍ट बेचने वाली फर्म 'अम्‍मीजी'  इसका एक बेहद अच्छा उदाहरण है। इसकी शुरुआत दिल्‍लीवासी अमृता ने अपनी दादी राजिंदर कौर की खास मसालों की रेसिपी से की थी।

अम्‍मीजी कोई और नहीं बल्कि राजिंदर कौर ही हैं। राजिंदर को उनके पोती-पोते इसी नाम से बुलाते हैं। राजिंदर करीब 95 साल की हैं। एक फेसबुक पोस्‍ट के बाद अमृता को इस ब्रांड को बनाने का ख्‍याल आया।

2018 में सिर्फ एक प्रोडक्‍ट से 'अम्‍मीजी' (Ammiji) ब्रांड की शुरुआत हुई थी। आज स्‍टार्टअप फर्म देशभर में अपने 40 से ज्‍यादा उत्‍पादों की बिक्री करती है। दिल्‍ली से लेकर मेघालय और केरल तक कंपनी के ग्राहक हैं। दादी राजिंदर का बिजनस में ज्‍यादा रोल नहीं रहता है। वह मेंटर की भूमिका निभाती हैं।

खाना पकाने, सिलाई या बुनाई में समय बिताना था पसंद

राजिंदर कौर चट्ठा को घर पर बच्चे 'अम्‍मीजी' बुलाते हैं। अपनी लंबी उम्र में उन्‍होंने जिंदगी के कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। वह अमृतसर में पैदा हुई थीं। उनका परिवार काफी बड़ा था। परिवार की लड़कियों के लिए शिक्षा प्राथमिकता नहीं थी।

लिहाजा, वह बमुश्किल अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर सकीं। राजिंदर को स्कूल जाने में खुद भी बहुत ज्‍यादा दिलचस्पी नहीं थी। वह खाना पकाने, सिलाई या बुनाई में समय बिताना पसंद करती थीं।

जब वह 20 साल की हुईं तो उनकी शादी हो गई। यह 1948 के आसपास की बात है। फिर वह अपना जीवन गृहिणी के रूप में बिताने लगीं। उनका फोकस सिर्फ एक चीज पर होता था। घर के बच्‍चे और पोती-पोतियां छककर खाए-पिए रहें।

शादी के शुरुआती द‍िनों में बनाया नुस्‍खा

शादी के शुरुआती दिनों में राजिंदर कौर के पति एक नई फैक्ट्री लगाने में बिजी थे। घर पर उनका ज्‍यादातर समय अकेला बीतता था। यह उन्‍हीं दिनों की बात है जब वह चाय में कुछ अलग स्‍वाद तलाश रही थीं।

इस तलाश में ही उन्‍होंने चाय के मसाले का एक नुस्खा तैयार किया। यह उनके मनमुताबिक स्‍वाद देता था। यह रेसिपी उन्‍होंने बहुत प्रयोगों के बाद बनाई थी। इसके लिए वह अमृतसर के मासाला बाजार मजीठ मंडी तक गई थीं।

वहां से वह अलग-अलग तरह के मसाले लाई थीं। फिर इन मसालों के अलग-अलग कॉम्बिनेशन को वह ट्राई करने लगी थीं। कई दिनों की कोशिश के बाद उन्‍होंने वह परफेक्‍ट टेस्‍ट पा लिया जिसकी तलाश उन्‍हें थी।

तभी से घर ही नहीं, बाहर आते-जाते भी राजिंदर कौर इस चाय मसाला रेसिपी को साथ लेकर चलती थीं। इसे सालों-साल बीत गए। 2015 में अमृता ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने अम्मीजी और उनके खास चाय मसाले के बारे में लिखा। 

अमृता कहती हैं, "यह सब वहां से शुरू हुआ और मुझे अंततः कुछ पूछताछ शुरू हुई और अप्रैल 2018 में ब्रांड अम्मीजी को एक ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म पर एक उत्पाद के साथ लॉन्च किया गया।" बहुत उत्साह था, लेकिन कुछ मात्रा में आशंका भी थी, क्योंकि वह निश्चित नहीं थी कि उद्यम कैसे आगे बढ़ेगा और उत्पादों के लिए बाजार होगा या नहीं।

अम्‍मीजी को नहीं हो रहा था यकीन

अमृता ने इसके पहले अम्मीजी को फोन किया। उन्‍हें बताया कि लोग उनकी चाय मसाला रेसिपी में दिलचस्‍पी दिखा रहे हैं। हालांकि, अम्‍मीजी को ज्‍यादा यकीन नहीं था।

उन्‍हें लगता था कि जिस चीज को आसानी से घर में बनाया जा सकता है, भला उसके लिए कौन पैसे देगा। हालांकि, अमृता के पिता ने उन्हें समझाया कि हर किसी के पास घर पर सब कुछ बनाने के लिए समय या संसाधन नहीं होते।

इसके बाद दादी ने हामी भर दी। इसी के साथ 'अम्मीजी' ब्रांड का उदय हुआ। दो साल तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये अम्‍मीजी ने सिर्फ चाय मसाला बेचा। 2019 के अंत तक टीम ने महसूस किया कि अम्मीजी को बढ़ने के लिए स्टैंडअलोन कंपनी बनने की जरूरत है।

अमृता ने फिर अपनी वेबसाइट बनाने पर काम शुरू किया। मार्च 2020 में इसे लॉन्च करने की योजना बनाई। लेकिन, लॉकडाउन ने उन योजनाओं में देरी की। आखिरकार जून 2020 में इसे अमलीजामा पहनाया जा सका।

अम्मीजी देशभर में अपने प्रोडक्‍टों की बिक्री करती है। ग्राहक सीधे वेबसाइट पर ऑर्डर देते हैं। कूरियर पार्टनर्स के जरिये प्रोडक्‍टों की डिलीवरी की जाती है। अचार, चटनी के अलावा कंपनी चाय मसाला, मिलेजुले मसाले इत्‍यादि की भी पेशकश करती है। आज अम्‍मीजी के प्रोडक्‍ट दिल्‍ली से लेकर केरल और मेघालय तक जाते हैं।