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Success Story: शादी के बाद पति की मार, अंडरगार्मेंट में छिपाकर खाई रोटियां, ऐसी बनी अफसर और पति को सिखाया सबक

Savita Pradhan Success Story: सविता सबके साथ बैठकर डायनिंग टेबल पर खाना नहीं खा सकती थी, अपनी मर्जी से खुलकर हंस नहीं सकती थी, यदि खाना खत्म हो जाता था तो वह दुबारा खाना बनाकर नहीं खा सकती थी. 
 
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News Funda, New Delhi ऑफिसर की गिनती में सविता प्रधान का नाम सबसे आगे आ रहा है. सविता फिलहाल ग्वालियर संभाग में डायरेक्टर के पद पर तैनात है. परंतु सविता की जिंदगी में यहां तक का सफर बहुत कष्टदायक रहा है.

इस पद तक पहुंचने से पहले सविता सुसाइड करने तक पहुंच गई थी. सविता ने ऑफिसर बनने से पहले अपने ससुराल में बहुत कष्ट झेले थे. सविता के ससुराल वाले उन्हें बहुत पीड़ीत करते थे और उनके पति तो उन्हें बिना किसी वजह के ही पीट देता था.

उनको नौबत यहां तक पहुंच गई थी भूख लगने पर पति के डर के कारण रोटी को अंडरवीयर में छुपाकर बाथरूम में जाकर खानी पड़ती थी. ऐसे जुल्म को झेलते झेलते सविता ने सुसाइड करने तक का फैसला कर लिया था.

परंतु कुछ समय बाद ये हुआ कि उसके बाद सविता एक ऑफिसर बन गई और उसके बाद उसने अपने पति को अच्छे से सबक सिखाया.

गांव की प्रथम लड़की, जिसने 10 वीं कक्षा की पास

सविता का जन्म एमपी के मंड़ी नामक छोटे से गांव के गरीब परिवार में हुआ था. सविता अपने मां बाप की तीसरी संतान थी. सविता के घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ही खराब थी. परतुं इसके बाद भी सविता जिस गांव में रहती थी, उस गांव में वह प्रथम लड़की थी, जिसने 10वीं कक्षा पास की थी.

माता-पिता का उनको पढ़ाने का एक कारण यह था कि सविता को पढ़ाने के कारण उनके घर वालों को 150-200 रू. स्कॉलरशिप मिल जाया करती थी. 

2 रू भी नहीं थे स्कूल जाने के लिए

10वीं कक्षा उतीर्ण करने के बाद सविता का एडमिशन पास के गांव में करा दिया था, जिसकी दूरी 8 कि.मी. थी. वहां आने जाने का किराया 2 रू. था. लेकिन सविता के पास उस समय 2 रू भी नहीं होते थे, जिस वजह से वे पैदल स्कूल जाया करती थी. 

लेकिन बाद में उनके पापा को उसी गांव में ही काम मिल गया था, जहां सविता पढ़ती थी. जब सविता पढ़ा करती थी तभी बड़े घराने से उनके लिए रिश्ता आया था. रिश्ता बड़े घर से आने के कारण उनके पिता ने उनकी मर्जी जाने बिना ही उनकी शादी कर दी थी.

अंडरगार्मेंट में रोटियां छिपाकर खाना

शादी के कुछ ही दिनों बाद ही उनके साथ नौकरों जैसा व्‍यवहार किया जाने लगा. उनसे ससुराल में जी-तोड़ काम करवाया जाता था. उन पर ससुराल में कई तरह की पाबंदियां भी लगी दी गई थीं.

 जैसे - वह डाइनिंग टेबल पर सबके साथ बैठकर खाना नहीं खा सकती थीं, खुलकर हंस नहीं सकती थीं, उन्‍हें घर में सबके खाना खाने के बाद भोजन करने की हिदायत थी.

वहीं अगर खाना खत्‍म हो जाए तो वह अपने लिए दोबारा खाना भी नहीं बना सकती थीं. नौबत ऐसी थी कि पति द्वारा मारे जाने के डर से वह रोटियों को अपने अंडरगार्मेंट में छुपा कर बाथरूम में ले जाती थीं और वहीं बैठ कर खाया करती थीं.

शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल वाले सविता के साथ नौकरों जैसा व्यवहार करने लग गये. उनको ससुराल में घर का सारा काम करना पड़ता था.

उन पर बहुत सारी पाबंदी भी लगा दी थी कि वो सबके साथ डायनिंग टेबल पर बैठकर खाना नहीं खा सकती है और ना ही खुलकर हंस सकती है, इसके साथ ही सब घर वालों के खाना खाने के बाद ही खाना खाने की प्रमिशन थी. परंतु खाना खत्म हो जाता था तो वो दुबारा से खाना नहीं बना सकती थी. 

उसका पति उसे मारता भी बहुत था, इन सब के चलते नौबत इतनी बढ़ गई थी की सविता को पति के डर के कारण रोटियां अंडरवियर में छुपाकर बाथरूम में ले जाकर खानी पड़ती थी. 

पति की मारपीट जारी 

एक दिन सविता को पता लगा कि वह प्रेग्नेंट है. बाद में सविता ने एक लड़के को जन्म दिया था. लेकिन बेटे के पैदा होने पर भी उनकी लाइफ में कुछ सुधार नहीं हुआ. 
लेकिन ससुराल वाले बाद में भी वैसा ही व्यवहार किया करते थे. समय बितते बितते उनके दूसरा बच्चा हो गया, परंतु उनके पति की मारपीट अभी भी जारी थी. 

सुसाइड करने की कोशिश

रोज रोज के जुर्म सहने से तंग आकर सविता ने सुसाइड करने का फैसला कर लिया था. जब वह फासीं लगाने जा रही थी तभी सविता की नजर अपनी सास पर पड़ी तो उन्होंने देखा कि उनकी सास ने सब कुछ देखने के बाद भी उन्हें बचाने की बजाए वहां से चली गई.

तभी सविता को एहसास हुआ कि ऐसे लोंगों के कारण वह अपनी जान क्यों गवाए. तभी उन्होंने अपना घर छोड़ने का फैसला बनाया. वह अपने दोनों बेटों को लेकर घर से चली गई. पैसों के लिए सविता ब्यूटी पार्लर में काम करने लग गई.

इसके साथ साथ उन्होने इंदौर यूनिवर्सिटी में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की और फिर अपनी पहली मेहनत के साथ ही सिविल सेवा में परीक्षा पास कर ली.  

पति को ऐसे सिखाया सबक

परीक्षा पास करके जब सविता ऑफिसर बन गई, उनकी पहली पोस्टिंग चीफ म्यूनिसिपल ऑफिसर पद पर हुई थी. सविता को ऑफिसर बना देख उनका पति उनकी लाइफ में वापस लौट आया, और बाद में भी उसने सविता को फिर से पीटना शुरू कर दिया. 

लेकिन इस बार सविता ने अपने पति को अच्छी तरह से सबक सिखाने की ठान ली. तभी सविता ने उदास मन से सारी बात अपने सीनियर्स से शेयर की. तब सीनियर्स ने उनको कहा कि अबकी बार अगर उनका पति उनके पास आये तो वो उनको कॉल कर दे. 

कुछ दिन बाद पति फिर आया और सविता को पहले ही महसूस हो गया था कि उनका पति फिर से मारपीट करेगा तो पहले ही उन्होंने अपने सीनियर्स को कॉल कर दी थी.

तुरंत ही कुछ समय बाद पुलिस आ पहुंची और सविता के पति ने जो कुछ उनके साथ किया था, पुलिस वालों ने वैसा ही व्यवहार उसके साथ किया. तभी सविता ने तलाक लेकर अपने दोनों बच्चों के साथ हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत करने लगी.