Success Story: झोपड़पट्टी में रहने वाले बिहार के लला की मेहनत, 2.5 करोड़ की स्काॅलरशिप से अमेरिकी में करेगा ग्रेजुएशन
बिहार की एक जगह झोपड़पट्टी में रहने वाले प्रेम कुमार को 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप मिली है। ये सब प्रेम की मेहनत का नतीजा है जो उसे अमेरिका जैसे देश में पढ़ने का मौका मिला है।

Newz Funda, New Delhi बिहार में दिहाड़ी मजदूर करने वाले पिता के बेटे ने कमाल कर दिखाया. उनके बेटे ने अमेरिका में अपनी स्नातक की पढ़ाई करने के लिए स्कॉलरशिप हासिल करने को एग्जाम दिया था. इस परिक्षा में उसने पूरी दुनिया में छठा स्थान ग्रहण किया जिसकी वजह से उसे 2.5 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है.
बिहार की राजधानी पटना निवासी प्रेम नामक इस युवक को मेकेनिकल इंजीनियरिंग करने के लिए अमेरिका के लाफायेटे कॉलेज से ढाई करोड़ रुपये का स्कॉलरशिप मिला है. इस स्कॉलरशिप के लिए भारत से 6 नाम भेजे गए थे.
फुलवारी शरीफ के गोनपुरा महादलित बस्ती के झोपड़पट्टी में रहने वाला प्रेम कुमार ने यह स्कॉलरशिप अपने पढ़ाई के दम पर हासिल कर लिया. युवक प्रेम झोपड़पट्टीनुमा घर के एक अंधेरे कमरे में लाइट जला कर पढ़ाई करता था.
अब वह अमेरिका के एक बड़े कॉलेज में पढ़ाई करेगा. उसके घर की स्थिति देखकर आप दंग रह जाएंगे. आज वो ढाई करोड़ का स्कॉलरशिप हासिल करने वाला भारत का एकमात्र युवक बन गया है. अब समाज के साथ साथ आसपास के लोग उसे मिठाई खिला रहे हैं.
संघर्ष की कहानी
प्रेम कुमार के पिता एक दिहाड़ी मजदूर है इके बावजूद भी उन्होंने अपने बच्चे को पढ़ाया. झोपड़पट्टी में रहने के बाद भी प्रेम ने काफी संघर्ष किया है, वे बताते है की उनके पिता मजदूरी से गुज़ारा करते है और माताजी का देहांत 12 वर्ष पूर्व लकवे की वजह से हुआ था. आज उनके परिवार में ख़ुशी का माहौल है. परिजनों ने पढ़ाई कर सफलता हासिल करने की शिक्षा दी.
प्रेम कुमार ने आगे बताया कि हमने जीवन में काफी संघर्ष किया है ओर अगर जीवन में संघर्ष नहीं होता तो यह उपलब्धि हासिल नहीं होती। मुझे मेरी मंजिल तक पहुंचने के लिए पढ़ाई के माध्यम से जो भी अवसर मिले, उनमें मैनें हिस्सा लिया और अपनी मंजिल तक पहुंचा।
प्रेम की सफलता को सुनने के बाद से ही परिवार के लोगों में खुशी का माहौल है। परिवार में प्रेम की बड़ी बहन और पिताजी भी काफी खुश दिख रहे हैं। परिजनों का कहना है कि यह हमारे समाज नहीं पूरे देश के लोगों के लिए गर्व करने की बात है।
परिजनों का कहना है कि लोगों को पढ़ना चाहिए और परिश्रम कर अपनी सफलता को हासिल करनी चाहिए। बिना परिश्रम का कोई भी सफलता हाथ नहीं लगता है।