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Success Story: साथ नहीं थे पिताएफिर भी अपनी मेहनत से छू लिया आसमान, किया UPSC का एग्जाम क्रैक

IAS Success Story: आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे अफसर की कहानी जिसका परिवार लगातार गरीबी का शिकार बना रहा और बिमारी के चलते पिता की भी मौत हो गई...

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UPSC

Newz Funda, New Delhi कहा जाता है कि सबसे कठिन एग्जाम यूपीएससी का होता है लेकिन आईएएस अधिकारी डोंगरे रेवैया ने गरीबी और कई परेशानिया होने के बाद भी बहुत ही अच्छे अंकों के साथ इस परिक्षा को पास किया है. 

हम आपको बता दे कि इनकी मां एक सरकारी स्कूल में मिडे मील पकने का काम करती हैं , जबकि लंबी बिमारी के चलते इनके पिता का देंहात हो चुका है. रेवैया डोंगरे उर्फ रेंवत की कहानी किसा प्रेरणा से कम नही है. इसने यूपीएससी परीक्षा 2022 में 1000 उम्मीदवारों में से 410 रैंक प्राप्त किया है. 

रेंवत ने इस एग्जाम की तैयारी गरीबी से जुझते हुए और अपनी परिवारिक स्थितियों को सुधारते हुए की है. वे एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो कई सालो से गरीबी और बिमारी से जुझ रहा है. उनके पिता का भी लंबी बिमारी के चलते निधन हो गया था. 

जिसके बाद उनकी मां ने एक सरकारी स्कूल में मिडे मील पकाने का काम कर लिया, लेकिन इसके बाद भी उनके परिवार का गुजारा मुशकिल से हो पाता था. डोंंगरे की मां ने गरीबी के वाबजूद सभी भाई बहनों को स्कूल भेजा. 

रेंवत नें अपनी शिक्षा और कड़ी मेहनत के बलबुते पर आईआईटी जेईई की परीक्षा पास कर डाली और आईआईटी मद्रास में एडमिशन ले लिया. IIT मद्रास में एडमिशन पाने के बाद भी फंड की कमी और घर के स्थिति को देखते हुए रेंवत को संस्थान में जाने की भी कोई उम्मीद नहीं थी

 लेकिन जिला प्रशासन की मदद लेकर उसने आईआईटी में जाने का अपना सपना कर ही लिया. बता दें कि रेंवत एक दलित समुदाय से आते हैं. अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, उन्होंने GATE परीक्षा भी पास की और अंततः उन्हें हैदराबाद में हाई सैलरी वाली नौकरी मिल गई. वह सिविल सेवाओं से कम किसी भी चीज पर समझौता नहीं करना चाहते थे. 

इसलिए रेंवत नें यूपीएससी सिविल सेवा परिक्षा देने का फैसला किया और 2022 में सफलता भी हासिल की और 410वीं रैंक हासिल की. अब उनकी ट्रेनिग चल रही है और जल्द ही वे सरकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त होंगे. इससे उनके परिवार और पुरे दलित समुदाय को उन पर नाज होगा.