Success story: पति व ससुराल वालों के छोड़ने के बाद भी नहीं हारी हिमत, पास कर दिखाई UPSC परीक्षा
![पति व ससुराल वालों के छोड़ने के बाद भी नहीं हारी हिमत](https://newzfunda.com/static/c1e/client/100997/uploaded/7905b88bd8ea643958aa7ea50b45b8de.jpg?width=789&height=446&resizemode=4)
Newz Funda, Newdelhi: ये कहानी कठिन परिस्थितियों से लड़कर कामयाबी पाने वाली प्रीति बेनीवाल की हैं. वे हरियाणा के डुपेडी गांव, जिला करनाल में जन्मीं, पली-बढ़ीं. प्राथमिक शिक्षा डुपेडी के नजदीकी गांव फफदाना से ली.
पानीपत से 10वीं 12वीं की. हरियाणा के ही इसराना कॉलेज से बीटेक और एमटेक किया. इसके बाद 2013 से 2016 तक ग्रामीण बैंक में क्लर्क की नौकरी की. नौकरी के बाद भी वे पढ़ती रहीं, आगे बढ़ने की कोशिशें करती रहीं. 2016 से 2021 तक FCI में असिस्टेंट जनरल II के पद रहीं.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि एफसीआई में नौकरी के दौरान ही प्रीति प्रमोशन का एग्जाम देने जा रही थीं. गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर पैर फिसलने की वजह से वे पटरी पर गिर गईं. हादसे के बाद एक साल तक बिस्तर पर रहना पड़ा. चल पाने में असमर्थ थीं तो पति और ससुराल वालों ने छोड़ दिया लेकिन हिम्मत नहीं हारीं. ठीक होने के लिए उनकी 14 सर्जरी की गईं.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि एफसीआई में नौकरी के दौरान ही प्रीति प्रमोशन का एग्जाम देने जा रही थीं. गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर पैर फिसलने की वजह से वे पटरी पर गिर गईं. ट्रेन गुजरने से वह घायल हो गईं.
14 सर्जरी की गईं. हादसे के बाद पति व ससुराल वालों ने छोड़ दिया. शादी भी टूट गई. एक साल बिस्तर पर रहना पड़ा. चल पाने में असमर्थ थीं. चोटों के बाद सर्जरी और फिर कमजोरी से उबरने में समय लगा. मुश्किल हालात का डटकर सामना किया.
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रीति ने विदेश मंत्रालय के साथ असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर की तरह भी काम किया. बीमारी से उबरीं, रिश्ता टूटने के गम से खुद को संभाला पर हिम्मत नहीं हारी. दिन-रात मेहनत कर सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी की. हादसे के बाद उनके पिता ने लगातार मोटीवेट किया.
दो बार यूपीएससी परीक्षा में असफल रहीं. 2020 में 754 रैंक हासिल की. प्रीति बेनीवाल आखिरकार आईएएस बन गईं. उन्होंने ये साबित कर दिया रात कितनी भी लंबी क्यों न हो, आखिर होती रात ही है. उसके बाद सवेरा जरूर होता है.