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Haryana Board Exam: 27 फरवरी से शुरू होंगी बोर्ड परीक्षाएं, स्कूल ड्रेस पहनने पर मिलेगी Exam सेंटर में एंट्री, जानें पूरी डिटेल

हरियाणा में 27 फरवरी से 10वीं, 12वीं बोर्ड तथा जेबीटी की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इस बार पहली बार विद्यार्थी को स्कूल वर्दी में परीक्षा देनी होगी। यदि वे स्कूल वर्दी पहनकर नहीं आएंगे तो उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।

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Newz Funda, Haryana Desk हरियाणा में 27 फरवरी से 10वीं, 12वीं बोर्ड तथा जेबीटी की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इस बार पहली बार विद्यार्थी को स्कूल वर्दी में परीक्षा देनी होगी। यदि वे स्कूल वर्दी पहनकर नहीं आएंगे तो उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।

सरकारी स्कूल के छात्रों को सरकारी और प्राइवेट स्कूल के बच्चों को उनके स्कूल की ड्रेस पहननी होगी। इससे पहले सीबीएसई की परीक्षा में विद्यार्थियों को ड्रेस में ही परीक्षा देने का नियम था, लेकिन अब हरियाणा स्कूल बोर्ड ने भी इसे लागू किया है।

पहली बार प्राइवेट परीक्षा केंद्र

हरियाणा में पहले हमेशा सरकारी स्कूलों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों में ही परीक्षा होती थी, लेकिन अबकी बार बोर्ड ने प्राइवेट स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाए हैं। प्रदेश भर में 1476 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा होगी।

हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिहाग ने बताया कि 95 सरकारी व 24 प्राइवेट सेंटर पर परीक्षा होगी, जिसमें प्राइवेट परीक्षा केंद्र पर सुपरिटेंडेंट और सुपरवाइजर भी उसी स्कूल का होगा। उनमें सीसीटीवी कैमरे भी होंगे। इन परीक्षा केंद्रों में से 6 केंद्रों को संवेदनशील तथा 5 केंद्रों को अति संवेदनशील चिह्नित किया गया है।

302 फ्लाइंग टीमें तैयार

परीक्षाओं के सफल संचालन व नकल रहित बनाने के लिए प्रदेश भर में 302 फ्लाइंग स्क्वायड टीमें गठित की गई हैं। हिसार में 9 फ्लांइग टीमें बनाई गई है। इन टीमों में डीसी की टीम के अलावा एसीयूटी, उपमंडलों के एसडीएम, बोर्ड चेयरमैन, बोर्ड सचिव तथा जिला शिक्षा अधिकारी की फ्लाइंग टीमें शामिल हैं।

उन्होंने हिदायत दी कि सभी परीक्षार्थी वर्दी व पहचान पत्र के साथ निर्धारित समय से पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे। इस बार परीक्षा केंद्रों पर सख्ती व सावधानी बरती जाएगी। नकल से परीक्षा करने की मंशा रखने वाले छात्रों के अरमानों पर पानी फिरेगा। क्योंकि वे नकल के सहारे अच्छे अंक ले लेते थे जिसका मेधावी छात्रों पर विपरीत असर पड़ता था।