home page

इंटरव्यू से ठीक पहले आई थी पिता की मौत की खबर, फिर भी कड़ी मेहनत से IAS बन गए Rajdeep Singh Khaira

IAS officer बनने वाले Dr. Rajdeep Singh Khaira मूल रूप से पंजाब के ही रहने वाले हैं।

 | 
afd

Newz Funda, New Delhi IAS officer बने Dr. Rajdeep Singh Khaira को काफी संघर्ष के बाद ही सफलता हाथ लगी है। आपको बता दें कि मूल रूप से पंजाब के रहने वाले राजदीप ने 12वीं की पढ़ाई सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, लुधियाना से पूरी की है।

जिसके बाद उनकी मेहनत का ही तकाजा है कि आज अफसर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।  IAS Rajdeep Singh Khaira की Success Story बड़ी ही प्रेरणादायक है। जो हमें सिखाती है कि कैसे असफल होने के बाद हार नहीं माननी चाहिए।

कैसे सफलता के मुकाम को हासिल किया जा सकता है। कुछ लोगों की बात करें तो वे एक प्रयास के बाद ही हार को स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, कई बार दूसरे प्रयास में भी सफलता हाथ लग जाती है।

नहीं तो तीसरे प्रयास में। लेकिन राजदीप सिंह खैरा की कहानी भी काफी कुछ सिखाती है। जो बताता है कि कैसे मेहनत कर आप सफल बन सकते हैं। ये मूल रूप से पंजाब के लुधियाना जिले से हैं।

जिन्होंने दो साल पहले 2020 में कड़ी मेहनत से यूपीएससी को पास करके 495वीं रैंक हासिल की थी। आज देश के अच्छे अफसरों में शुमार किए जाते हैं। 

इससे पहले की बात करें तो राजदीप लुधियाना के जमालपुर के सिविल अस्पताल में बतौर मेडिकल ऑफिसर अपनी सेवाएं दे रहे थे। जब IAS बनने के लिए इंटरव्यू होना था, उससे पहले ही पिता का निधन होने की जानकारी मिली थी।  

4 बार हाथ लगी थी निराशा

यह 5वीं बार था कि सफल हो गए। इससे पहले के 4 प्रयासों की बात करें तो उनको निराशा ही हाथ लगी थी। आज राजदीप दूसरे लोगों को भी यही सीख देते हैं कि कभी भी अपने लक्ष्य से ध्यान नहीं हटाना चाहिए।

आपको सफलता जरूर मिलेगी। मुझे नाकामयाबी जरूर मिली, लेकिन कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार प्रयास करने के बाद आखिरकार सफलता रंग ला ही गई।  

आपको बता दें कि राजदीप ने मई 2021 में COVID-19 के कारण अपने पिता को खो दिया था। इसके बाद सितंबर 2021 में UPSC सिविल सेवा इंटरव्यू के बाद लगा था कि बस कुछ दूर के बाद सफलता मिल जाएगी। उनका आत्मविश्वास रंग लाया भी।  

राजदीप ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और पटियाला के राजेंद्र अस्पताल से एमबीबीएस को क्लीयर किया है। जिसके बाद से मेडिकल लाइन में पंजाब सरकार में सेवा देनी शुरू की थी।