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देश की पहली महिला IAS ने भी किया था अपने बैचमेट से विवाह, पढ़िए अन्ना मल्होत्रा की Success Story

देश की पहली Woman IAS की बात हो रही है। जिन्होंने सफलता की कहानी रचकर इतिहास बना दिया था। 

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Newz Funda, New Delhi UPSC में जाने का हर किसी का सपना होता है। हर कोई चाहता है कि वह अफसर बनकर देश की सेवा करे। अपने सपने को पूरा करने के लिए लोग कितनी ही मेहनत करते हैं।

सिविल सेवा परीक्षा को पास करना इतना भी आसान काम नहीं है। हर साल हजारों लोग इस परीक्षा में इस उम्मीद से बैठते हैं कि वे लोग अफसर बन जाएंगे। लेकिन कुछ ही लोग होते हैं, जो इस परीक्षा को पास कर झंडे गाड़ पाते हैं।

ऐसी ही शख्सियत का जिक्र कर रहे हैं। जो हैं अन्ना मल्होत्रा। जिन्होंने 1951 में इस परीक्षा को पास किया। और देश की पहली महिला आईएएस बनने का गौरव हासिल किया।

आपको बता दें कि एक समय में इस परीक्षा को अंग्रेजों ने शुरू किया था। जिनका मकसद भारतीयों को नीचा दिखाना था कि वे इस परीक्षा को पास नहीं कर सकते हैं।

लेकिन तमाम परिस्थितियों में भी रवींद्रनाथ टैगोर के भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर ने इस मिथक को तोड़ दिया था। उन दिनों की बात करें तो भारतीय सिविल सेवा को आईसीएस कहा जाता था।

यहां से की थी शुरुआती पढ़ाई

अन्ना राजम मल्होत्रा ​​उन दिनों में सिविल सर्विसेज क्रैक करने वाली पहली महिला थीं। बेटियों के लिए वे प्रेरणास्त्रोत बनकर आई थीं। जब अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया था।

उन्हें हमारे देश की पहली IAS अधिकारी के रूप में याद किया जाता है। अन्ना राजम मल्होत्रा ​​का जन्म 17 जुलाई, 1924 को केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था।

उन्होंने कोझिकोड में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए मद्रास विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया। 

ऐसे हासिल की थी सफलता

कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अन्ना मल्होत्रा ​​ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और अपने पहले प्रयास में ही सफल हो गईं। वह 1951 में भारत की पहली महिला सिविल सेवक बनीं।

अन्ना मल्होत्रा ​​आईएएस के 1951 बैच की थीं और उन्होंने अपने बैचमेट आरएन मल्होत्रा ​​से शादी की थी।

आईएएस अधिकारी बनने के बाद अन्ना मल्होत्रा ​​ने भारतीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद होटल लीला वेंचर लिमिटेड में निदेशक के रूप में भी काम किया।

1989 में, उन्हें IAS अधिकारी के रूप में उनकी सेवाओं के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। अन्ना राजम मल्होत्रा ​​ने 17 सितंबर 2018 को दुनिया को अलविदा कह दिया, तब उनकी उम्र 91 साल थी।