मां जूझ रही थीं कैंसर से, Pallavi Verma बन गईं IAS; पढ़िए इस होनहार बेटी की Success Story
आपको पल्लवी वर्मा के बारे में बता रहे हैं, जो विपरित परिस्थितियों में भी आईएएस बन गईं।
Newz Funda, New Delhi आपको आज IAS officer Pallavi Verma की सक्सेस स्टोरी से रूबरू करवा रहे हैं। जो परिवार की विपरित परिस्थितियों में भी आईएएस अफसर बन गईं।
अपनी बार-बार की असफलताओं से पल्लवी भी तंग आ गई थीं। लेकिन परिवार उनकी हौसलाअफजाई करता रहा, तो वे भी सफलता के शिखर पर चढ़ गईं।
7 साल बाद मिली सफलता
आपको इस होनहार IAS की Success Story से आगे रूबरू करवा रहे हैं। आपको यह तो पता ही होगा कि UPSC Exam को देश की कठिन परीक्षाओं में शुमार किया जाता है। जिसको पास करना कोई आसान काम नहीं माना जाता है।
लेकिन लग्न और मेहनत से तैयारी की जाए तो इस परीक्षा को पास करना कठिन भी नहीं है। आईएएस अफसर पल्लवी वर्मा ने भी बुलंद हौसले से मुकाम हासिल किया था। इन्होंने 2 साल पहले यूपीएससी में 2020 में 340वीं रैंक हासिल कर बता दिया था कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं।
लेकिन सफलता की सीढ़ी चढ़ने में उनको 7 साल लग भी गए। वे मूल रूप से इंदौर की ही रहने वाली हैं। जिनकी स्कूली पढ़ाई भी यहीं से हुई है। इसके बाद बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करने वाली भी परिवार की पहली महिला रहीं।
फिर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद उनको 11 महीने चेन्नई में भी सॉफ्टवेयर टेस्टर की जॉब करनी पड़ी। फिर 2013 में आईएएस बनने के लिए तैयारी शुरू की थी।
इसके बाद तीन बार एग्जाम, तीन बार इंटरव्यू और एक बार मेंस में भी निराशा हाथ लगी। फिर अगले प्रयास में वो दिन आ गया और आईएएस बन गईं।
मां की बीमारी का मलाल
इस दौरान पल्लवी को मां को कैंसर होने का भी मलाल था। जिनको कीमोथैरेपी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा था। लेकिन मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और परिवार का ख्याल रखते हुए अपने को सफल कर ही लिया।
हालांकि वे हार मान भी जातीं, लेकिन परिजनों ने साहस को बनाए रखा। हालांकि रिश्तेदारों के ताने सुनने को मिले। पल्लवी बताती हैं कि कैसे लाइब्रेरी में जा-जाकर पढ़ाई की थी। कैसे अपनी कमजोरियों को खुद पर हावी नहीं होने दिया और सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मेहनत और टाइम टेबल से पढ़ाई खूब काम आई।