home page

माफिया ने ताबड़तोड़ शरीर में उतार दी थीं 7 गोलियां, आंख-कान हुए खराब, फिर भी Rinku Rahi ने क्रैक किया UPSC

Rinku Rahi की बात बता रहे हैं, जिन्होंने बुलंद हौसले की बदौलत सपनों को साकार कर ही लिया।

 | 
afsd

Newz Funda, New Delhi कहते हैं कि अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मुश्किल राह नहीं रोक सकती है। एक ऐसे ही युवा की Success Story से रूबरू करवा रहे हैं।

ये युवा हैं Rinku Rahi, जिन्होंने सात गोलियां लगने के बाद भी बुलंद हौसले से अपने सपनों को पूरा किया। इसी साल रिंकू ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेस परीक्षा (UPSC CSE Exam 2021) को पास कर नया कीर्तिमान अपने नाम किया।

उनकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं लगती है, लेकिन सच है। रिंकू ने ही छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा किया था, जिसमें 100 करोड़ की हेरफेर सामने आई थी।

जिसके बाद ही माफिया ने उनकी जान लेने की कोशिश की। लेकिन रिंकू ने हार नहीं मानी और सपनों को पंख लगाए। आज यूथ उनके संघर्ष का कायल है।

जिन्होंने 2021 में यूपीएससी को क्रैक कर बता दिया कि वे किसी से कम नहीं है। 

कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम

हालांकि रिंकू 2008 में ही कड़ी मेहनत के दम पर पीसीएस अधिकारी (PCS Officer) बन गए थे। इससे पहले अपनी शिक्षा को पूरा कर लिया था।

नौकरी के बाद उनको उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में पहली जिम्मेदारी मिली थी। जहां पर समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर काम दिया गया।

बता दें कि सबसे पहले उनकी नजर छात्रवृत्ति घोटाले पर पड़ गई थी, जिसका उन्होंने बिना विलंब किए ही पर्दाफाश कर दिया था। बस इसी कारण माफिया की नजर उन पर टेढ़ी हो गई।

इसके बाद 2002 में उनकी जान लेने के लिए सात गोलियां मारी गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज की बुराइयों के खिलाफ मोर्चा खोले रखा।

तीन गोलियां तो उनके चेहरे पर लगी थी। यही नहीं, एक कान खराब हो गया और एक आंख की रोशनी चली गई। इसके बाद रिंकू ने UPSC CSE 2021 में झंडे गाड़ कामयाबी अपने नाम कर ली।

रिंकू की बचपन की कहानी भी मार्मिक है। उनके पिता का नाम शिवदान सिंह है, जो एक आटा चक्की में काम करते थे। घर के हालात ठीक नहीं थे।

जिसकी वजह से सरकारी स्कूल से स्टडी की। प्राथमिक शिक्षा परिषदीय स्कूल से होने के बाद राजकीय इंटर कॉलेज में 12वीं के लिए दाखिला लिया और यहीं से पासआउट हुए।

इंटर में मिली थी स्कॉलरशिप

इंटर में प्रतिभा के बल पर स्कॉलरशिप भी मिली थी। जिसकी मदद से टाटा इंस्टीट्यूट से बीटेक (BTech) को पूरा करने के सपने को पंख मिले।

फिर उनका सेलेक्शन 2008 में यूपी पीसीएस (UP PCS) में हुआ था, जिनको मुजफ्फरनगर जिले में समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर सेवा करने का मौका मिला था। 

यहीं पर उन्होंने घोटाले को उजागर किया था। यहीं नहीं, रिंकू ने 2019 में हापुड़ के राजकीय आईएएस पीसीएस निःशुल्क कोचिंग सेंटर के प्रभारी के तौर पर भी मेहनत की है।

यहीं से उन्होंने यूपीएससी को क्रैक करने के लिए मेहनत की और यूपीएससी परीक्षा 2021 में 683वीं रैंक हासिल कर बता दिया था कि वे किसी से कम नहीं हैं। आज रिंकू शादीशुदा हैं और उनका 8 साल का बेटा भी है।