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पैसे की कमी नहीं रोक सकी Rajeev Daipuriya का रास्ता; मेहनत करके बन गए UPSC टॉपर, पढ़िए Success Story

एक ऐसे युवा की कहानी बताने जा रहे हैं, जो पैसे की कमी के बाद भी यूपीएससी में मेहनत के बल पर टॉप कर गए।

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Newz Funda, Madhya Pradesh बुलंद हौसला हो और रोजाना मेहनत की जाए, तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसे ही युवा की कहानी बता रहे हैं।

Rajeev Daipuriya, जिन्होंने नौकरी भी की, साथ में रोजाना 2 से 3 घंटे पढ़ते रहे, लेकिन बाद में यूपीएससी की परीक्षा में टॉप करके माने। आपको बता दें कि बेहद गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद भी सफलता का इतिहास रच दिया है। 

Rajeev Daipuriya आज UPSC Topper बनने के बाद मानते हैं कि मेहनत और लगन से अपने काम पर फोकस करें। आप जो भी हासिल करना चाहते हैं, वह आपको जरूर मिलकर रहेगा। 

UPSC Topper Rajeev Daipuriya की बात करें तो वे कहते हैं कि जो लोग भ्रमित हैं, वे कभी भी यूपीएससी को क्लीयर नहीं कर सकते हैं। सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए तनाव से मुक्त होना जरूरी है।

आज यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर राजीव दैपुरिया की कहानी से युवा भी प्रेरणा ले सकते हैं। जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर अफसर बनने के सपने को पूरा किया है। मूल रूप से राजीव दैपुरिया मध्य प्रदेश के भिंड जिले के हैं, जिसकी पहचान कभी चंबल और डाकुओं से रही हैं।

इस जिले के दो होनहारों ने 2022 के सिविल सर्विसेज के रिजल्ट में झंडे गाड़े हैं, जिनमें राजीव और मयंक शामिल हैं। जिनकी सफलता बताती है कि वह किसी बड़े परिवार की मोहताज नहीं होती है। कोई भी मेहनत से इसे पा सकता है। 

पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए लिया था कर्जा

राजीव दैपुरिया अपनी पूरी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। जो कहते हैं कि कभी चंबल को डाकू और बागियों का गढ़ माना जाता था। लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं।

वे नौकरी करने से पहले अपनी शुरुआती पढ़ाई को भिंड से पूरा कर चुके हैं। इसके बाद ही इंजीनियरिंग के सपने को पूरा कर आज सिविल सर्विसेज में फर्स्ट रैंक हासिल किया है।

बताते हैं कि जब भी समय मिलता था, अपने लिए नोट्स तैयार करते थे। फिर रोजाना 3 घंटे पढ़ने की हॉबी थी। पिता ने भी बेटे की पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए, दो लाख रुपए का कर्जा लिया था। पढ़ने के लिए खुद बिहार तक जाकर उनको किताबें दी थी।