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Ilma Afroz ने खेतों से किया ऑक्सफोर्ड का सफर, फिर न्यूयॉर्क की नौकरी को ठुकरा बन गईं IPS

यूपी की रहने वाली बेटी की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। जिससे आपको रूबरू करवा रहे हैं।

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Newz Funda, New Delhi यहां बात आईपीएस Ilma Afroz की हो रही है। जिन्होंने लगन और मेहनत से वो कर दिखाया, जो हर बेटी का सपना होता है। उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद की रहने वालीं इल्मा आज दूसरी बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

वे एक छोटे से कस्बे कुंदरकी में रहकर बड़े सपने को पूरा करने में कामयाब रहीं। बात करें तो उन्होंने पहले खेतों में भी काम किया। फिर ऑक्सफोर्ड तक पढ़ने का सफर जारी रखा।

फिर न्यूयॉर्क में नौकरी छोड़कर उन्होंने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास कर लोगों की भलाई के लिए काम करने का निर्णय लिया। 

इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) ने सिर्फ 14 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। इल्मा के पिता कैंसर के शिकार हो गए और उनकी मृत्यु हो गई थी।

इसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनकी मां पर आ गई, जिन्होंने बेटी और 12 साल के बेटे की देखभाल करने के लिए काफी संघर्ष किया। इल्मा की मां खेती करती थीं और उन्हीं पैसों से परिवार का पालन करती थीं। 

इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) भी बचपन से ही खेत के काम में मां का हाथ बंटाने लगीं, लेकिन इस बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी।  

मुरादाबाद से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस में एडमिशन लिया और फिलॉसफी में ग्रेजुएशन किया।

इल्मा अपने सेंट स्टीफेन्स में बिताए सालों को जीवन का सबसे सही समय मानती हैं, जहां उन्होंने बहुत कुछ सीखा।  

कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम
इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) की कड़ी मेहनत की बदौलत उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप मिली और उन्होंने वहां से पोस्ट ग्रेजुएशन किया।

इसके बाद भी उनके गांव वाले खुश होने की बजाय उनकी मां को यह कहने लगे कि आपकी लड़की हाथ से निकल गई है, अब वो वापस नहीं आएगी। 

इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) ने बताया था कि विदेश में पढ़ने और रहने का खर्च स्कॉलरशिप से मिलने वाला था, लेकिन उनके पास उस समय विदेश जाने के लिए टिकट के पैसे नहीं थे।

इसके बाद वह मदद मांगने के लिए गांव के चौधरी दादा के पास पहुंची और उन्हें अपने विदेश में पढ़ाई के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने मदद की।

इल्मा यूके में अपने बाकी खर्चें पूरे करने के लिए कभी बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही थी, कभी छोटे बच्चों की देखभाल का काम करती थीं। 

26 साल की एज में पास की परीक्षा

न्यूयॉर्क से वापस आने के बाद इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) ने यूपीएससी (UPSC) की तैयारी शुरू की। आखिरकार इल्मा ने साल 2017 में 217वीं रैंक के साथ 26 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।

जब सर्विस चुनने की बारी आई तो उन्होंने आईपीएस चुना और उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर में आईपीएस नियुक्त किया गया। 

पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद इल्मा अफरोज (Ilma Afroz) एक वॉलेंटियर प्रोग्राम में शामिल होने न्यूयॉर्क गईं, जहां उन्हें Financial Estate कंपनी में एक बढ़िया नौकरी का ऑफर मिला।

इल्मा चाहती तो यह ऑफर ले लेती और विदेश में ही बस जातीं, लेकिन उनके मन में सवाल आया कि अपनों को छोड़कर मैं क्यों किसी और देश में बसूं?

उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि मुझ पर और मेरी शिक्षा पर पहले मेरे देश का और मेरी अम्मी का हक है।