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चाय की दुकान पर काम करने वाले Himanshu Gupta बन गए IAS, बिना कोचिंग ऐसे पाई सफलता

IAS अधिकारियों की कई Success story आपने पढ़ी होगी। ये कहानी कुछ अलग है।

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Newz Funda, New Delhi चाय की दुकान पर काम करने वाला भी किसी से कम नहीं होता।

उसके भी सपने होते हैं, जिन्हें मेहनत के दम पर हासिल कर सकता है। इसकी ताजा बानगी हैं UPSC पास करने वाले हिमांशु गुप्ता।

जो कड़ी मेहनत के बल पर आईएएस अफसर बन गए। IAS himanshu gupta युवाओं के लिए भी किसी प्रेरणास्त्रोत से कम नहीं हैं।

रोजाना लंबा सफर पार करके पहले बेसिक इंग्लिश सीखी और फिर मेहनत के बल पर पूरा कर दिखाया अपना सपना।

बता दें कि हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर परचम लहराया है।

UPSC की ये Success Story बहुत ही रोचक है। देश में यूपीएससी की परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है।

इसे क्लियर करने के लिए कैंडिडेट्स दिन रात मेहनत करते हैं। आज आपको एक ऐसी ही स्टोरी हम बता रहे हैं।

आईएएस हिमांशु गुप्ता कभी चाय की दुकान पर काम करते थे, लेकिन उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने और आईएएस अधिकारी बनने के लिए सभी बाधाओं को पार किया।

तीसरी बार में मारी बाजी

हिमांशु यूपीएससी परीक्षा में तीन बार उपस्थित हुए और बिना कोचिंग के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 304वीं रैंक हासिल करने में सफल रहे।

हिमांशु के पिता की एक छोटी सी चाय की दुकान थी और हिमांशु कभी अपने पिता की दुकान पर चाय परोसा करते थे।

हिमांशु ने चाय की दुकान पर काम करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और वह खाली समय में अखबार पढ़ते थे।

हिमांशु गुप्ता को बेसिक इंग्लिश सीखने के लिए रोजाना 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था। हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

फीस देने के लिए वह ट्यूशन पढ़ाते थे और ब्लॉग लिखते थे। हिमांशु के अनुसार, यह पहली बार था जब उन्होंने मेट्रो शहर आए थे।

मास्टर डिग्री से मनवाया लोहा

हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। ग्रेजुएशन के बाद हिमाशु ने डीयू से एनवायरमेंटल साइंस में मास्टर डिग्री ली और टॉप भी किया इसके बाद उनके पास विदेश से पीएचडी करने का मौका था लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।

ग्रेजुऐशन के बाद हिमांशु को एक अच्छी नौकरी मिली लेकिन उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज में शामिल होने का फैसला किया।

हिमांशु ने बाद में अपने परिवार का सपोर्ट करने के लिए एक रिसर्च स्कॉलर के रूप में एक सरकारी कॉलेज में एडमिशन लिया।

हिमांशु ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली लेकिन उन्हें कम रैंक मिली और इसीलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में दोबारा बैठने का फैसला किया।