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ग्रेजुएशन में Fail होने के बाद भी नहीं मानी हार, पूरा करके ही माने सपना, पढ़िए IAS अनुराग की Success Story

एक युवा की सक्सेस स्टोरी बता रहे हैं। जो फेल होने के बाद भी आईएएस अफसर बनकर माने।

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Newz Funda, New Delhi किसी परीक्षा में फेल हो जाएं तो उम्मीद टूट जाती है। लेकिन कई बार बुलंद हौसला इन दिक्कतों से परे सपनों को पूरा कर ही लेता है।

हर युवा का सपना होता है कि वह ​UPSC की परीक्षा पास करे। सफलता हासिल करे। उसकी Success Story से लोग प्रेरणा लें। यूपीएससी को देश की कठिन परीक्षा माना जाता है।

कोई विरला ही इसमें सफल होकर अफसर बन पाता है। आज ऐसी ही एक स्टोरी से रूबरू करवा रहे हैं। ये हैं आईएएस अनुराग, जिन्होंने 2017 में 677वां रैंक हासिल कर सफलता का लोहा मनवाया।

लेकिन फिर भी खुशी नहीं मिली और दोबारा तैयारी की। जिसके बाद 2018 में देशभर में 48वां रैंक हासिल कर लिया। कहानी फिल्मी लगती है, लेकिन सच्ची है।

UPSC पास करने से पहले अनुराग को ग्रेजुएशन में असफलता का सामना करना पड़ा। जिसके बाद भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

IAS बनने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे। काफी मेहनत की और लिख दी सफलता की इबारत। यूपीएससी में 48वां रैंक आया तो उनकी और परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

बात करें तो दो बार यूपीएससी में सफलता हासिल की। जिसके बाद आईएएस अधिकारी अनुराग कुमार (IAS Anurag Kumar) की मेहनत से हर युवा प्रेरणा लेने लगा।

वे चार साल पहले यूपीएससी पास करके आईएएस अफसर बने हैं।  मूल रूप से अनुराग बिहार (Bihar) के रहने वाले हैं। वे यहां के कटिहार (Katihar) जिले से आते हैं।

हिंदी माध्यम को छोड़ लिया अंग्रेजी में दाखिला

खास बात है कि आठवीं तक इन्होंने हिंदी माध्यम से ही पढ़ाई की है। जिसके बाद ही सफल होने के लिए हिंदी माध्यम को छोड़कर आगे की पढ़ाई अंग्रेजी मीडियम से शुरू की।

10वीं कक्षा में उन्होंने 90 प्रतिशत नंबर लेकर सफलता पाई। फिर 12वीं क्लास में मैथ्स की प्री-बोर्ड परीक्षा में असफलता का मुंह देखा। लेकिन इसके बाद भी हार न मानते हुए 90 प्रतिशत नंबर लिए।

बाद में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली में पढ़ाई करने के बाद कई विषयों में ग्रेजुएशन में मात खा गए। बाद में किसी तरह पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स को कंप्लीट किया।  

इसके बाद अनुराग ने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) के लिए तैयारी शुरू की।

जिसके बाद 2017 में पहले प्रयास में 677 रैंक यूपीएससी में प्री क्वालिफाई कर हासिल किया। लेकिन बाद में दोबारा तैयारी की और रैंक में सुधार कर सफलता हासिल की।