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बोर्ड एग्जाम में रहीं जिला टॉपर, फिर एक ही झटके में पास कर गईं UPSC; पढ़िए IAS Saumya Pandey की सफलता की कहानी

IAS Saumya Pandey की चर्चा कर रहे हैं, जो हमेशा ही टॉपर रही हैं।

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Newz Funda, New Delhi हर युवा अफसर बनने के लिए आईएएस बनने का सपना देखता है।

इसको पूरा करने के लिए दिन रात एक कर देता है। लेकिन यह सब मुमकिन हो पाता है कड़ी मेहनत से।

इसी सपने को पूरा करने वाली बेटी सौम्या पांडे की यहां बात हो रही है। जो पहले भी Gold medalist रही हैं।

इंजीनियरिंग करते समय ही ठान लिया था कि अफसर बनकर देश की सेवा करेंगी।

फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू की और मेहनत के बल पर सफलता हासिल की। 

IAS Saumya Panday को शुरू से ही सफलता लेने की आदत रही है।

बात 6 साल पुरानी है, जब उन्होंने सीएससी में चौथा रैंक हासिल कर उत्तरप्रदेश और देश का नाम रोशन किया।

बता दें कि मूल रूप से इलाहाबाद की IAS सौम्या पांडे को कम उम्र से ही आईएएस बनने का सपना था।

इसके बाद उन्होंने तैयारी शुरू की। परिवार को भी अपनी बेटी का साथ मिला।

इससे पहले इस बेटी ने 2015 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की और फिर जुनून को पूरा करने के ठानी।

इसके बाद उसे केवल पहले चांस में ही पूरा कर लिया।  

बेटी को मिला परिवार का साथ

पढ़े-लिखे परिवार से आने वाली सौम्या को माता-पिता का भी पूरा सहयोग मिला।

जिसके बाद सफलता के लिए पीछे मुड़कर नहीं देखा।  

बता दें कि वे दसवीं में भी जिला टॉपर रही हैं। उन्होंने 98 प्रतिशत नंबर लिए थे।

इसके बाद 12वीं में ऐसा ही किया और 97.8 प्रतिशत नंबर लेकर जिले में अव्वल स्थान पाया।

उन्होंने स्कूली शिक्षा इलाहाबाद के आर्मी स्कूल से पूरी की है।

इसके बाद मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से गोल्ड मेडल जीतकर भी परचम लहराया है। 

कड़ी मेहनत के बूते हासिल किया मुकाम

इंजीनियरिंग में ही लक्ष्य तय कर लिया था कि वे अफसर बनेंगी।

इसके बाद ही फाइनल ईयर में यूपीएससी की तैयारी शुरू की और सपने को पूरा किया।

आपको बता दें कि कड़ी मेहनत के बूते ही वे आगे रही हैं। 

हालांकि रणनीति बनाकर तैयारी करने को ही वे सफलता का मूल मंत्र मानती हैं।

कहा कि कोचिंग से उन्हें काफी लाभ मिला। जिसके कारण ही आगे जा सकीं। आज वे दूसरी बेटियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।