home page

5 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, ऐसी है IAS Kajal Jawla की Success Story

5 बार फेल होने वाली महिला अफसर की सक्सेस स्टोरी आपको बता रहे हैं। जिन्होंने नौकरी छोड़ कैब में पढ़ाई की थी।

 | 
fda

Newz Funda, New Delhi IAS Kajal Jawla की सक्सेस Story जानकर आप भी मुरीद जाएंगे। जिन्होंने कभी भी परिस्थितियों से समझौता नहीं किया और सफलता के शिखर पर पहुंचकर ही मानीं।

अकसर यही कहा जाता है कि एक सफल आदमी के पीछे ही औरत का हाथ होता है। लेकिन कई बार कहावत बदल भी जाती है।

काजल भी एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने एक पुरुष की मदद से सफलता के मुकाम को पाया है। दूसरी महिलाओं के लिए वे प्रेरणास्त्रोत हैं।

काजल जावला ने अपने पांचवें अटेंप्ट में सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनीं।

साल 2018 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 28वीं रैंक हासिल करने वाली यह लड़की सफलता के शिखर को छूने से पहले चार बार फेल हुई।

यह उन सभी के लिए एक प्रेरक कहानी है जो किसी परीक्षा में असफल हुए हैं और इसे पढ़ने के बाद, यह निश्चित रूप से आपको असफल होने के बाद भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जरूरी बढ़ावा देगी।

काजल की कहानी हमें धैर्य, दृढ़ संकल्प और परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो हार नहीं मानने की सीख देती है। खैर, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिए उन्हें 5 प्रयास करने पड़े।

काजल हरियाणा के एक छोटे से इलाके शामली की रहने वाली हैं। अपनी उम्र की सभी लड़कियों की तरह, उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

उन्होंने मथुरा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन में बी।टेक पूरा किया। अपने ग्रेजुएशन  लेवल की पढ़ाई के बाद, उन्होंने विप्रो के साथ अपना करियर शुरू किया, जहां वह विप्रो में सालाना 23 लाख रुपये का पैकेज पा रही थीं।

सफलता के लिए क्या कुछ नहीं किया

इस बीच, उनकी शादी आशीष मलिक के साथ तय हो गई, जो दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में काम करते  थे।

आखिर में, उन्होंने शादी कर ली, जैसा कि उनकी उम्र की सभी लड़कियां करती हैं। उनके लिए शादी कभी भी एक समस्या नहीं थी क्योंकि उनके पति बहुत सहयोगी थे। 

उनके पति आशीष मलिक घर की साफ-सफाई से लेकर बर्तन धोने तक घर का सारा काम खुद ही करते थे।

काजल बताती हैं कि आशीष जब भी काम से घर आते तो हमेशा रात का खाना तैयार रखतीं। अब ऐसा कुछ भी नहीं था जो काजल को सफलता के शिखर को छूने से रोक सके।

चेहरे पर मुस्कान और जीवन में खुशी ही मकसद

काजल ने एक इंटरव्यू में कहा, 'समय की कमी मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। मेरी शुरुआती असफलता का कारण समय की कमी थी।”

लेकिन काजल ने कभी कोचिंग का सहारा नहीं लिया और समय की कमी के बावजूद सेल्फी स्टडी कर 28वीं रैंक हासिल करने में सफल रहीं।

जहां तक ​​उनकी तैयारी का सवाल है, काजल कहती हैं, "यूपीएससी का सिलेबस बहुत बड़ा है और अखबार पढ़ना तैयारी का एक अभिन्न हिस्सा है।"

हर फेज में अलग स्ट्रेटजी की जरूरत होती है और काजल ने यही किया।

केवल एक सफल व्यक्ति ही जानता है कि सफलता के रास्ते में कितनी बाधाएं आ रही हैं।

हालांकि, हम में से हर कोई इस बात से सहमत होगा कि सबसे बड़े सपने को हकीकत में बदलना सफलता से कम नहीं है क्योंकि यह चेहरे पर मुस्कान और जीवन में खुशी लाता है।