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Shraddha Murder Case में सामने आया सच, Aftab ने इस बात के डर से किए थे टुकड़े-टुकड़े

श्रद्धा हत्याकांड में बड़ी जानकारी पुलिस सूत्रों से मिली है। आखिर वो क्या डर था, जिसकी वजह से उसने मर्डर किया।

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Newz Funda, New Delhi श्रद्धा हत्याकांड में वो बात लोगों के सामने ला रहे हैं, जिसके कारण उसकी जान ली गई। आरोपी को डर था कि वह ब्रेकअप करना चाहती थी।

इस डर के कारण पहले तो उसने मर्डर किया, फिर लाश के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। श्रद्धा को आफताब की असलियत पता चल गई थी और वो हर हाल में आफताब को छोड़ना चाहती थी।

जिसके कारण आफताब अपने को कंट्रोल नहीं कर पाया और उसने हत्या कर दी। आपको खबर के बारे में सारी सच्चाई से अवगत करवा रहे हैं। बता दें कि 3-4 मई को दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया था, लेकिन आफताब को ये नागवार गुजर रहा था।

इससे खफा होकर उसने हत्या की थी। दरअसल, आरोपी आफताब की मारपीट और रवैये से परेशान आ गई थी। श्रद्धा उससे पीछा छुड़ाना चाहती थी। दूसरी ओर आफताब का नार्को टेस्ट एक दिसंबर को होगा।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से एक दिसंबर को कराने की एप्लीकेशन लगाई थी। अभी तक नार्को टेस्ट के लिए पांच दिसंबर को करने की डेट फाइनल थी।

आपको बता दें कि आरोपी आफताब का पॉलीग्राफिक टेस्ट कल यानी सोमवार को ही पूरा हो चुका है। आज फिर से आफताब के कुछ मेडिकल टेस्ट हो रहे हैं। जो पॉलीग्राफिक टेस्ट के बाद होते हैं। 

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, श्रद्धा की मिसिंग कंप्लेंट मुम्बई में दर्ज होने के बाद जब वो मुम्बई पुलिस की पूछताछ में शामिल होने जा रहा था, तब भी आफताब के फ्रिज में बॉडी के कुछ टुकड़े थे।

सूत्रों के मुताबिक, अब तक 13 हड्डियां बरामद हुई हैं। जो जंगल के आसपास के इलाके से मिली हैं। 

उधर, श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब की इंटरनेट सर्चिंग संदिग्ध है। उसने संदिग्ध सर्चिंग की है, क्या सर्च किया ये अभी वेरिफाई कर रहे है? ज्यादातर सर्च आफताब ने इंटरनेट से डिलीट की हुई थी।

इंटरनेट हिस्ट्री की पुलिस को तलाश
दिल्ली पुलिस आफताब द्वारा डिलीट किए गए पॉइंट को तलाशने में जुटी है। दिल्ली पुलिस ने एक एसआईटी बनाई हुई है, सर्च अभी भी चल रही है। जंगल और हर उस जगह जहां रिकवरी के कोई चांस हो। 

पॉलीग्राफी टेस्ट की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है, पॉलीग्राफी टेस्ट से बस इस बात का अंदाजा होता है कि आरोपी सच बोल रहा है या नहीं।

नार्को टेस्ट भी नार्मल एडमिसेबल नहीं होता। हालांकि नार्को टेस्ट के जरिए अगर कोई रिकवरी होती है वो कोर्ट में एडमिसेबल होता है। नार्को टेस्ट के जरिए कुछ और रिकवरी के चांस हो सकते हैं।

रोज रात को फेंक देता बॉडी पार्ट्स
आपको बता दें कि 18 मई को आफताब और श्रद्धा के बीच झगड़ा हुआ था। आफताब ने एक हाथ से श्रद्धा का मुंह दबाया। जब श्रद्धा चिल्लाने लगी तो आरोपी ने दूसरे हाथ से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को बाथरूम में रखा।

उसने शव के चापड़ से करीब 35 टुकड़े किए और फिर फ्रीज में रख दिए। वह रात दो बजे फ्रिज से एक शव का एक टुकड़ा निकालता और महरौली के जंगल में फेंक आता था।