गर्लफ्रेंड का हत्यारोपी 14 साल बाद Jail से छूटा, न MBBS पूरी कर पाया; न सरकार ने मुआवजा दिया
एक छात्र को 14 साल बाद मर्डर के आरोपों के बाद जेल से छोड़ा गया है। उसे इंसाफ की दरकार है।
Newz Funda, Bhopal Desk यहां हम MBBS Student Chandresh Marskole के बारे में जिक्र कर रहे हैं। जिसने पहले तो अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या का आरोप झेला।
वो भी करियर के पीक यानी एमबीबीएस फाइनल ईयर में। इसके बाद चंद्रेश मार्सकोले को 14 साल बाद जब रिहा किया गया, तो कोर्ट की ओर से कहा गया था कि उसे मुआवजा दिया जाए। जिसका इंतजार आज भी है।
मामला भोपाल का है। चंद्रेश मार्सकोले ने जिंदगी के 14 साल जेल में काटे हैं। जिस पर अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या का आरोप एमबीबीएस के फाइनल ईयर में लगा था। उसने हर बार पेशी में यही कहा कि वह निर्दोष है।
लेकिन इंसाफ के लिए लगभग 4980 दिन यानी 14 साल का इंतजार करना पड़ा। इसके बाद वह गर्लफ्रेंड की हत्या से बरी तो हो गया, लेकिन आज भी 2008 का वो दिन याद कर सिहर जाता है।
उसे जब पकड़ा गया था तो एमबीबीएस के फाइनल ईयर में था। लेकिन आज भी अपनी डिग्री के लिए संघर्ष कर रहा है।
42 लाख के मुआवजे का दिया था आदेश
आपको बता दें कि मार्सकोले मूल रूप से बालाघाट जिले के वारासोनी का रहने वाला है। वह गोंड आदिवासी समुदाय से आता है, जिस पर प्रेमिका श्रुति हिल के मर्डर का आरोप लगा था।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जब उसे छोड़ा तो तुलना इसरो वैज्ञानिक रहे नंबी नारायणन के साथ की थी। उनको किसी जासूसी के मामले में फंसाया गया था, कोर्ट ने मार्सकोले को 42 लाख रुपए का हर्जाना देने के आदेश सरकार को दिए थे।
जजों ने पुलिस और जांच को कटघरे में खड़ा किया था। ट्रायल के दौरान पीड़ित को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
वह परिवार का एकमात्र चिराग होने के साथ वो आदिवासी भी था, जो चिकित्सक के पेशे में आने वाला था। लेकिन सारे प्रकरण ने सपनों को चकनाचूर कर दिया था।
गलत जांच का शिकार हुआ
न्यायालय ने साफ कहा था कि वह गलत जांच का शिकार हुआ है। उसे तीन महीने के भीतर 42 लाख रुपए दिए जाएं। अगर तय समय में ऐसा नहीं हुआ तो 9 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था, जिससे लगे कि अपराध किया है।
9 मई 2022 को उसे भोपाल की सेंट्रल जेल से रिहा किया गया था। आज 6 माह हो चुके हैं। न तो मुआवजा मिला है और न ही डिग्री को लेकर कुछ कहा जा रहा है।
उसकी पढ़ाई पूरी करने को लेकर भी अंधेरे में रखा जा रहा है। एक अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा है कि मैं अपनी पढ़ाई खत्म करना चाहता हूं और अभ्यास शुरू करना चाहता हूं।
बात करें तो फिलहाल राज्य सरकार की ओर से उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई है। उसके पिता का नाम जुग्राम मार्सकोले है, जो बेटे के लिए दुआ ही कर सकते हैं। बेटे के ट्रायल की बातें बताकर बे फफक पड़ते हैं।