मेरी कहानी: बच्चे पैदा होने के बाद हमें नहीं मिलता है समय, रातों को उठकर करना पड़ता है...

Newz Funda, Viral Desk ज्यादातर लोगों को आपने कहते सुना होगा कि पैरेंट़स बनने के बाद ही कपल्स की शादी पूरी मानी जाती है। हालांकि, यह सच भी है।
ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं। वह न केवल हमें जीने का नया मकसद देते हैं बल्कि उनके आने के बाद पति-पत्नी की जिंदगी में बहार भी आ जाती है। हमारे साथ भी बिल्कुल ऐसा ही था।
हमारी शादी के दो साल हमारी बेटी का जन्म हुआ। हम दोनों पैरेंट्स बनकर बहुत खुश थे।
हम ने न केवल अपनी बेटी के सभी सपने पूरे करने की कसमें खाई थीं बल्कि एक-दूसरे से वादा भी किया था कि चाहे सोशल गैदरिंग हो, गेट टू गेदर हो या फिर कोई ट्रिप हम हमेशा अपने बच्चों के साथ रहेंगे।
ऐसा हुआ भी हमने अपने बच्चों की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। उनकी हर जरूरत का ख्याल रखा। लेकिन इस प्रक्रिया में एक कपल के तौर पर हम दोनों का रिश्ता बहुत पीछे छूट गया।
हम पति-पत्नी तो थे लेकिन शादी के शुरूआती सालों वाला चार्म अब न के बराबर रह गया था। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं)
एक-दूसरे से नाराज होने लगे
दरअसल, बेटी के जन्म के बाद मेरी पत्नी पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझ रही थी। भले ही वह हर समय मजबूत दिखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैं अच्छे से जानता हूं कि उसकी कंडीशन कैसी थी। उस समय मेरी स्थिति भी कोई बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी।
ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने तभी अपना नया-नया बिजनेस शुरू किया था, ऐसे में हम सभी को काफी संघर्ष भी करना पड़ा था।
इस दौरान घर का खर्च चलाने के लिए मेरी पत्नी ने भी टीचिंग की जॉब शुरू कर दी थी, जिससे वह ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रहती थी।
यह हमारी शादी का बहुत मुश्किल दौर था, जहां हम अपने बच्चों के सामने तो मुस्कुराते रहते थे, लेकिन पति-पत्नी के रूप में हम एक दूसरे से बिल्कुल भी खुश नहीं थे।
दूरी नहीं हो रही थी बर्दाश्त
हमने अपनी जिंदगी में ऐसा भी समय देखा है, जब पैसों की तंगी के कारण हम अपनी लाइफ को एन्जॉय नहीं कर पा रहे थे।
मैं और मेरी पत्नी बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए काम में इतना ज्यादा व्यस्त हो गए थे कि हम भूल गए थे कि हमारी अपनी भी कोई लाइफ है।
हमारे पास जितना समय बचता था, वह बच्चों की देखरेख और उनकी ख्वाइशों को पूरा करने में चला जाता था।
हालांकि, हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। यही एक वजह भी है कि हमारे रिश्ते के बीच जो दूरी आ रही थी, वह हमें बिल्कुल भी बदार्श्त नहीं हो रही थी। हमने हिम्मत करके एक-दूसरे से अपने मन की बात कही।
विदेश यात्रा पर गए
जल्द ही हमारी बेटी का एडमिशन एक दूसरे में हो गया था। वहां उसे एक अच्छा कॉलेज मिल गया था, जहां से उसे अपनी आगे की पढ़ाई करनी थी।
हमारी दूसरी बेटी भी दो साल बाद शहर से बाहर पढ़ने जाने वाली थी। इधर मेरे बच्चे सेटल हो रहे थे, तो वहीं मेरा बिजनेस भी ठीक चलने लगा था।
इस दौरान हमारी आर्थिक परेशानी भी धीरे-धीरे दूर होने लगी थी। लंबे समय बाद हमने अपने बच्चों के साथ एक विदेश यात्रा प्लान की।
इसका एक कारण यह भी है कि क्योंकि पिछले कुछ सालों में हमने काफी पैसा जमा कर लिया था। वहीं मेरी पत्नी ने भी टीचिंग जॉब करके अपनी सेविंग जमा की थी।
यादगार समय बिताने का मौका मिला
हमने अपनी फैमिली ट्रिप के लिए मलेशिया को चुना। वहां हम सभी ने न केवल खूब मस्ती की बल्कि एक परिवार के रूप में शानदार वक्त भी बिताया। यही नहीं, इस यात्रा के दौरान मैं और मेरी पत्नी भी करीब आ गए। हमने होटल के कमरे में कुछ प्यार भले पल बिताए।
मुझे याद आने लगा कि बच्चे होने से पहले हमारा जीवन वास्तव में क्या था आर अब क्या हो गया है। कुछ साल बाद हमारी बेटियां अलग-अलग शहरों में नौकरी के लिए चली गईं।
उन्होंने मुंबई में किराए पर एक अपार्टमेंट ले लिया था। यह कहने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है कि इस दौरान मेरे और मेरी पत्नी के पास अपने लिए काफी समय था।
हम अपनी जिंदगी में बेहद खुश हैं
हम एक साथ मूवी देखने जाने लगे थे। कभी-कभार हम बाहर डिनर भी कर लेते थे। हमारी शादी बेहतर होने लगी थी। हालांकि, हम अपने बच्चों से बहुत प्यार करते थे। उन्हें बहुत याद भी करते थे, लेकिन हम दोनों इस बात से भी खुश थे कि हम अपनी शादी को मौका दे रहे थे।
हम अपनी शादी में शुरुआती दिनों जैसा जीवंत और युवा महसूस कर रहे थे। हमने अब अपनी भावनाओं को भी एक-दूसरे सामने रखना सीख लिया था। हम दोनों एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए हैं।
यही हमारे एक सफल और लंबे-सुखी विवाह का रहस्य है। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहता अगले हफ्ते हमारी 28वीं शादी की सालगिरह है, जिसे लेकर मैं बेहद खुश हूं।