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विवादों में घिरे IFFI के ज्यूरी हेड नादव लापिड, The Kashmir Files पर की ये टिप्पणी

IFFI के ज्यूरी हेड नादव लापिड को लेकर विवाद पूरी तरह से गहरा गया है।

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Newz Funda, New Delhi The Kashmir Files को वल्गर बता चर्चा में आए इजरायली डायरेक्टर नाविद लापिड कई फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं।

टिप्पणी के बाद से ही वे सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। हर कोई इस इजरायली डायरेक्टर और IFFI के ज्यूरी हेड के बारे में जानने को उत्सुक दिख रहा है।

जिनको लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। Nadav Lapid को ही इस बार 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के ज्यूरी हेड की जिम्मेदारी दी गई। जिसको लेकर वे विवादों में आ गए हैं। 

मुंबई में ही 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया का आयोजन चला। ज्यूरी हेड और इजरायली फिल्ममेकर-स्क्रीनराइटर नादव लापिड ने फेस्टिव के समापन समारोह के दौरान फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘अश्लील’ और ‘अनुचित’ बताया।

उन्होंने कहा कि फेस्टिवल की भावना को निश्चित रूप से स्वीकार किया जाना चाहिए। आलोचनात्मक चर्चा भी होनी चाहिए, जो कला और जीवन के लिए जरूरी है। इससे पहले सोमवार को लापिड ने कहा था कि इस फिल्म को लेकर आईएफएफआई परेशान है।

नादव लापिड (Nadav Lapid) ने कहा था, “हम सभी 15वीं फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से परेशान और स्तब्ध थे।

यह हमें एक प्रोपेगेंडा, अश्लील फिल्म की तरह लगी, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए अनुपयुक्त है।” नादव ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित शीर्ष मंत्रियों की उपस्थिति में यह टिप्पणी की।

नादव लापिड (Nadav Lapid Viral Video) के भाषण का वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है। नादव के इस बयान से ‘द कश्मीर फाइल्स’ और इससे जुड़े कास्ट फिर से चर्चा में आ गए हैं।

फिल्म की कास्ट और मेकर्स से तो हम वाकिफ हैं ही, लेकिन क्या आप नादव लापिड के बारे में जानते हैं। यहां हम आपको उनके बारे में बता रहे हैं।

जानते हैं नादव के बारे में

  • नादव लापिड एक इजरायली स्क्रीनराइटर और फिल्म निर्देशक हैं। इजरायल के तेल अवीव के रहने वाले नादव ने तेल अवीव विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की।
  • वह इजरायल की सेना में रह चुके हैं। सैन्य सेवा के बाद, उन्होंने यरुशलम में सैम स्पीगल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री ली। इसके बाद वह पेरिस चले गए।
  • नादव की शॉर्ट फिल्म क्विश (सड़क) 2005 की पैनोरमा में स्क्रीनिंग हुई। नादव की पहली फीचर फिल्म ‘पुलिसमैन’ ने साल 2011 में लोकार्नो में विशेष ज्यूरी पुरस्कार जीता, जबकि ‘द किंडरगार्टन टीचर’ ने कान 2014 में सेमेन डे ला क्रिटिक अवॉर्ड जीता।
  • साल 2015 में, लामा? (क्यों?) बर्लिनेल शॉर्ट्स में दिखाई गई थी। उन्हें फ्रांस का प्रतिष्ठिक ‘फ्रेंच ऑर्डर शेवेलियर डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस’ अवॉर्ड मिला।

नादव लापिड का फिल्मी सफर
नादव ने ज्यादा शॉर्ट फिल्में और डॉक्यूमेंट्रीज बनाई हैं।

साल 2003 में उन्होंने प्रोजेक्ट जीवीयुएल, शॉर्ट फिल्में- क्विश (सड़क), हा-चवेरा खोल एमिल (एमिल की प्रेमिका), पुलिसमैन, फुटस्टेप इन यरूशलेम, लामा?, द डायरी ऑफ अ वेडिंग फोटोग्राफर और सिनोनिम्स बनाई।

इसके अलावा उन्होंने ‘द किंडरगार्टन टीचर’ और ‘लव लेटर्स टू सिनेमा’ नाम की डॉक्यूमेंट्रीज भी बनाई।