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7 साल छोटे लड़के के Love में हो गया था मेरा बुरा हाल, अचानक एक तूफान आया और मैं...

मेरी कहानी दूसरों से कुछ अलग नहीं है। बात उन दिनों की है, जब 7 साल छोटे लड़के से प्यार हो गया था।

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Newz Funda, New Delhi आपको मेरी वो कहानी बताने जा रही हूं, जब मैं अपने से छोटे लड़के के प्यार में पागल हो गई थी। यह मेर ही इंटर्न था।

7 साल छोटे इंटर्न के प्यार में पड़ना उसको देखने के बाद हुआ था। मैं उसकी सादगी पर मर मिटी थी।

लेकिन फिर अचानक ऐसा हुआ कि इससे अलग होना ही पड़ा। मेरा रिश्ता बीच में ही टूट गया। आज भी वो यादें जेहन में हैं।

कहते हैं न कि प्यार आपको जिंदगी के किसी भी मोड़ पर मिल सकता है। यह एहसास न केवल अपने आप में बेहद खास होता है बल्कि आपकी कठोरता को कोमलता में भी बदल देता है।

मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। जब मैं पहली बार सरभ (बदला हुआ नाम) से मिली थी, तो मैं एक प्रकाशन कंपनी में काम करती थी।

वह वहां एक इंटर्न के तौर पर शामिल हुआ था। हमारा रिश्ता एक एक मेंटर-मेंटी के रूप में शुरू हुआ था। वह घंटों मेरे साथ बैठकर हमारी कार्य प्रक्रिया को समझने की कोशिश करता था।

उसे काम सिखाना मेरे लिए भी नया नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मियों में हमेशा ही एक-दो लोग इंटर्न के रूप में काम करने हमारी कंपनी में आते थे।

हां, मेरे लिए यह बहुत आश्चर्य की बात थी कि मैं उसे जब भी किसी काम के लिए कहती थी, तो वह उसे बहुत ही आधे-अधूरे मन से काम करता था।

मैं अक्सर सोचता रहता थी कि इतना तेज-तर्रार लड़का साधारण सा काम कैसे नहीं कर पाता है।  

एक दिन हम सभी साथ में काम कर ही रहे थे कि मेरी अपने एक सहकर्मी के साथ बहुत बुरी बहस हो गई। उसने मुझे डराने के लिए गंदी-गंदी गालियां देना शुरू कर दिया था।

उसके मुंह से अपने लिए ऐसी बातें सुनकर मैं इतना ज्यादा बौखला गई कि मैं अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकी।

इस दौरान सरभ अचानक से अपनी सीट से उठा और मेरे पास आकर बोला कि 'आप रो मत...मेरे साथ बाहर आओ'। वह मुझे हमारे ऑफिस की बिल्डिंग के बाहर ले गया। हम दोनों ऑफिस से बाहर निकले और पास के एक कैफे में चले गए।

इस दौरान हमने एक-दूसरे से एक शब्द भी नहीं बोला। ऐसा इसलिए क्योंकि एक इंटर्न के सामने खुद को इतनी कमजोर स्थिति में देखने देने के लिए मैं एक बेफकूफ की तरह महसूस कर रही थी।

लेकिन सच तो यह कि उसका यह कदम मेरे दिल को पिघलाने के लिए काफी था।

हंसते-हंसते हार गई थी दिल

हम दोनों बैठे ही थे कि उसने एक हॉट चॉकलेट मंगवाई। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसके साथ इसे साझा करना चाहूंगी।

उसने मुझसे यह भी कहा कि 'मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं हैं क्योंकि यह इंटर्नशिप हमें अच्छा भुगतान नहीं करती है।' उसकी ये बात सुनकर मुझे हंसी आ गई।

मैंने न केवल उसके साथ उस हॉट चॉकलेट का मजा लिया बल्कि मेरे लिए चीजें एकदम से बदल गईं। इस घटना के बाद हम न केवल साथ में लंच करने लगे थे बल्कि एक-दूसरे के साथ बिताने के लिए हम अपने-अपने सहकर्मियों से बहाने भी बनाने लगे।

कॉफी ब्रेक-हॉट चॉकलेट ब्रेक और स्मोकिंग ब्रेक अब हमारे लिए आम हो गया था। हम अक्सर ऑफिस के बाद एक-दूसरे से मिलने लगे थे।

ऐसे में एक दिन उसने मुझसे अचानक से पूछा कि मैं उसके बारे में क्या सोचती हूं। इस दौरान मैंने उससे कहा कि 'मैं तुम्हें बहुत ज्यादा बुद्धिमान और दिलचस्प मानती हूं।

लेकिन मुझे कभी यह समझ नहीं आया कि तुम सौंपे गए काम में अपना दिल क्यों नहीं लगाते हो।'

इस दौरान वह हंसा और बोला कि 'आप जानते हो कि मैं ऐसा क्यों करता हूं, क्योंकि इसके बाद मुझे आपके साथ बैठने का कानूनी बहाना मिल जाता है।'

उसकी इस बात को सुनकर मैं हैरान रह गई। इस दौरान मैंने केवल शर्माने लगी बल्कि उसने मुझे प्रपोज भी कर दिया, जिसे मैंने एक झटके में स्वीकार कर लिया।

उसकी इंटर्नशिप खत्म हो गई थी। वह वापस से अपने कॉलेज लौट गए। लेकिन इसके बाद भी हम रोजाना मिलते थे। 

वह लड़का मुझसे 7 साल छोटा था। वह मेरे जीवन में वो इंसान था, जो ढेर सारी मस्ती-उत्साह और पागलपन लेकर आया था। वह उस समय ड्राइविंग सीख रहा था।

वह हर रोज अपने ड्राइवर को बेवकूफ बनाकर कार को मेरे ऑफिस तक लाता था ताकि वह मुझे एक कॉफी ब्रेक पर ले जा सके।

मेरा ड्राइवर कर रहा था इंतजार

इस दौरान उसका ड्राइवर एक कोने में खड़ा हुआ उसका इंतजार करता रहता था।

हम न केवल नए-नए रेस्तरां में जाने की कोशिश करते थे बल्कि मेरे मना करने पर एक दिन उसने मुझसे कहा कि 'मेरे माता-पिता मुझे मेरी प्रेमिका पर खर्च करने के लिए पर्याप्त पॉकेट मनी देते हैं।'

यह मेरे जीवन का बहुत ही मासूम और प्यारा समय था। 

समय बीतता गया और हम दोनों एक-दूसरे के प्यार में बुरी तरह पागल हो गए। हालांकि, उस दौरान मेरे माता-पिता मेरी शादी के लिए अलग-अलग लोगों से बातचीत भी कर रहे थे।

ऐसे में जब मैंने उन्हें सरभ के बारे में बताया, तो उन्होंने इस रिश्ते के लिए साफ इनकार कर दिया। वह चाहते थे कि मैं अपनी लाइफ में आगे बढूं।

परिवार के आगे एक न चली

हम दोनों ने अपने-अपने परिवारों को मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने कभी भी इस रिश्ते को स्वीकार करने से मना कर दिया चाहें हम एक-दूसरे से कितना भी प्यार क्यों न करते हों।

यह मेरे जीवन का वह समय था जब मैंने अपने दिल को एक तरफ रख दिया था।

सरभ अक्सर रोते हुए मुझे मैसेज करता रहता था, लेकिन मुझे हमारे लिए एक कठोर कदम उठाना ही पड़ा। 

मैंने सरभ से अलग होने का फैसला कर लिया। मैंने अपने माता-पिता के कहने पर शादी कर ली। इस साल मैं अपनी शादी की 7वीं सालगिरह मना रही हूं।

लेकिन इसके बाद भी मैं कह सकती हूं कि सरभ के साथ मेरा रिश्ता सबसे खूबसूरत था, जो मैंने कभी अनुभव किया था। मैं उसे बहुत प्यार करती थी। शायद हमेशा करती भी रहूंगी।