Chanakya Niti: शादी से पहले ही पुरुष सीख लें ये 7 काम, नहीं तो कुछ ही सैकेंड में हो जाएंगा काम तमाम

आचार्य चाणक्य का नाम जब भी लिया जाता है तो उनके नीति शास्त्र का जिक्र एक बार तो जरुर किया जाता है। वहीं अधिकतर लोग चाणक्य की इन नीतियों की ओर ध्यान नहीं देते हैं और बाद में उनके हाथ पछतावे के इलावा ओर कुछ नहीं लगता है।

 

Newz Funda, New Delhi आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र में लिखी बातें हर व्यक्ति की समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। आचार्य की ज्यादातर नीतियां को अधिकतर शादीशुदा जीवन और आम जीवन से जुड़ी होती है। ऐसी ही एक नीति को लेकर आज हम आपसे रूबरू करवाने जा रहे है। 

कहा जाता है कि इंसान की कई आदत ऐसी होती है जो उसके जीवन में उसके लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर देती है। इससे उनके बनने बनाए काम भी बिगड़ जाते है। चाणक्या का कहना है कि यदि इंसान अपनी इच्छी पर काबू पा लेता है तो वह अपने जीवन में सुख की प्राप्ति करता है।

वहीं आचार्य ने कुछ काम ऐसे बताए हैं जो इंसान को शादी से पहले एक बार अपने अनुभव के तौर पर करने की जरुरत होती है। जिसके बारे में हम आपको इस लेख के जरिए बताने जा रहे हैं।

1. महिला को डेट करना 

अगर आप शादी से पहले किसी महिला साथी को डेट कर रहे है तो आपको एक ऐसा अनुभव प्राप्त होता है जो आपके आगे शादीशुदा जीवन में बहुत काम आता है।

जब इंसान पहली बार किसी महिला के संपर्क में आता है तो वह अपना होश खो देता है और फिर वह ऐसी ऐसी गलती कर बैठता है जो उसके पार्टनर के लिए परेशानी का कारण बनती है।

2. भाभियों के साथ बातचीत 

जब शादीशुदा महिलाएं या भाभी के संपर्क में  लड़के आते हैं तो वह शादीशुदा जीवन के बारे में आपको बहुत सी चीजों का ज्ञान कराती है। क्योंकि उसके  पास शादी का अच्छा खासा अनुभव होता है।

वह आपको ये भी बता सकती है कि शादी के बाद महिला को कैसे प्यार करना है ताकि वह संतुष्ट हो सके। भाभियों की एक खास बात यह भी है कि उनके साथ आप किसी भी विषय के बारे में बात कर सकते हैं।

जिस भाषा में आप अरामदायक होते हैं भाभी खुद को उसी लहजे में ले आती है। ऐसें में आपके अंदर महिलाओं के साथ बातचीत करने की झिझक दूर हो जाती है।

3. चंचल मन वाले इंसान

हर व्यक्ति का मन बहुत चंचल होता है और वह अक्सर भटक जाता है। जिसने अपने मन को वश में कर लिया है उसके जीवन में अधिकतर परेशानियां कम हो जाती है। वहीं जो अपने मन को कठोर बना लेते हैं तो वह हर परिस्थिती में खुद का ही नुकसान कर लेते है।

लेकिन जिनका मन स्थिर रहता है उन लोगों के बिगड़े काम भी आसानी से बन जाते हैं। मन को वश में करने वाले व्यक्ति का विवेक दूसरों से अधिक समझदार बनता है। वही जीवन के हर फैसले को आसानी से ले सकता है।

4. मन पर कंट्रोल करने वाले लोग

हर व्यक्ति के जीवन में सुख.दुख तो आते ही रहते हैंण् लेकिन अगर इंसान इन परिस्थितियों में अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हैंए वे अधिक बुद्धिमान कहे जाते हैं। चाणक्य का मानना ​​था कि जो व्यक्ति सुख.दुख की चरम सीमा पर पहुंच जाता है.

उसके मुंह से ज्यादातर ऐसे वाक्य निकलते हैं जो मीठे के साथ साथ लुभाऊ होते हैं और वह उस परिस्थिती से आसानी से निकल जाते हैं. लेकिन कई लोग इस समय में हड़बड़ा जाते हैं और उस समय में दबते ही चले जाते हैं.

5. पत्नी को प्यार 

अगर आपको प्यार की आदत हो जाती है तो आपको हमेशा प्यार चाह रहती है। ऐसा ही पत्नी का सभाव होता है वह अपने पति से प्यार के इलावा कुछ नहीं मांगती है। अगर पत्नी को समय पर प्यार मिल जाता है तो वह किसी दूसरे के बारे में नहीं विचार करती है।

लेकिन अगर आप शादी के कुछ समय बाद पत्नी से दूर बनाने लगते होए तो किसी तीसरे का तुम्हारे मार्ग में आने पर महौर लग जाती है। ऐसें में आचार्य कहते है पती को अपनी पत्नी में प्यार देने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए। 

6. बच्चों की केयर 

कई बार आपने देखा होगा कि कई पुरुष ऐसे होतें है जिन्हें अपने बच्चों की बिल्कुल भी परवाह नहीं होती है। लेकिन ये गलती आपके बच्चों के प्रति आपके खराब व्यवहार को दर्शाता है।

इसिलए चाणक्य जी ने कहा है कि अपने बच्चों की साइट लेने और उन्हें प्यार करने में बिल्कुल भी शर्माने की जरुरत नहीं है। अगर आप अपने बच्चों को प्यार देते हैं तो वह भी आपकी ओर अच्छे नजरिये से देखते हैं। 

7. अपना हक लेने की खातिर 

आचार्य जी का कहना है कि पुराने समय में राजाओं ने अपने हक की खातिर अपने जीवन तक को कुरबान कर दिया था. अगर आपका हक भी कोई खा रहा है तो आप बिना किसी झिझक के उसपर उंगली उठा सकते हैं।

लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो बदनामी के डर से कुछ नहीं कहते हैं और सामने वाले के अत्याचारों और उसके कहने पर चलते रहते हैं। लेकिन ऐसा करना नियम के खिलाफ है।

अगर आपका हक कोई खाने जा रहा है या कोई साजिश रच रहा है तो आप उसके लिए शख्त से शख्त कदम उठा सकते हैं और अपने हिस्से की मांग (Chanakya Niti in hindi) कर सकते हैं। 

8. क्रोध करने वाले 

जिसका मन शांत होता है और जिसके स्वभाव में क्रोध ज्यादा पाया जाता है. लेकिन देखा गया है कि जीवन में जब भी कोई परेशान आती है तो ये लोग इन परिस्थितियों से निपट नहीं पाते हैं और दुख के इस दलदल में फंसते ही चले जाते हैं।

वह अपने जीवन में बहुत खुश नहीं रह पाता है। चाणक्य के अनुसार एकाग्र मन सफलता की (Sampurana Chanakya Niti in hindi) राह पर लेकर जाता है। 

Disclaimer:-

'इस आलेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की कोई जिम्मेवारी नहीं है. बता दें कि यह जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांगों/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/शास्त्रों से प्राप्त सूचनाओं से एकत्रित करने के बाद ही प्रकाशित की गई है।

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