चीन के लिए कड़ा संदेश, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे अरुणाचल दौरा, LAC के पास करने जा रहे हैं पुल का उद्घाटन 

भारत और चीन के सैनिकों के बीच तवांग सेक्टर में हुई हाथापाई के बाद पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने जा रहे हैं। साथ ही एलएसी पर सियोम ब्रिज का उद्घाटन कर वह चीन को संदेश देंगें. 

 

Newz Funda, New Delhi पिछले महीने तवांग सेक्टर में चीन और भारत के सैनिकों के बीच बॉर्डर पर हुई लड़ाई के बाद पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश जाने वाले हैं। जानकारी के लिए बता दें कि वह कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। 

आपको पता होगा कि बीते साल 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में एलएसी पर सैनिकों के बीच थोड़ी बहुत झड़प हुई थी। जिसके बाद मामले को शांत कर दिया गया था. बाद में चीन के साथ तनाव और ज्यादा बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह सियांग जिले में बोलेंग के पास सियोम पुल का उदघटान करने जा रहे हैं। साथ ही वह सीमा सड़क संगठन के 27 अन्य प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन करेंगे।

जानें इतना अहम क्यों माना जा रहा है सियोम ब्रिज

सियोम नदी के ऊपर बना पुल भारत के लिए बहुत महत्व रखता है। बता दें कि इसका रणनीतिक महत्व है क्योंकि भारतीय सेना इसका इस्तेमाल करके एलएसी पर सैनिकों को सिक्योरिटी में आसानी होगी साथ ही इसपर सैनिकों को खड़ा कर सकेगी। 

आपको बता दें कि यह ब्रिज 100 मीटर लंबा है। जानकारों का कहना है कि रक्षा मंत्री का यह दौरा एक तरह से चीन की हरक्तों पर तमाचा मारने के लिए करने जा रहे हैं, क्योंकि यह सियोम ब्रिज से चीन बहुत चिढ़ता है। 

बीआरओ ने अरुणाचल प्रदेश में पिछले पा्ंच सालों में 3.97 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई है। इसमें से कई सड़कें एलएसी के पास के इलाकों में हैं। संसद में अपने बयान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि चीनी सेना ने एकतरफा एलएसी पर यथास्थिति की कोशिश की थी। 

फिर भी भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें उल्टे पांव भागने पर मजबूर कर दिया। बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले 30 महीने से मामला गर्म ही चल रहा है. हर बार किसी न किसी अनहोनी द्वारा सबकुछ टल जाता है. 

बता दें कि साल 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से ही सीमा पर तनाव बढ़ा जो कि अभी भी शांत नहीं हुआ है। बातचीत चल रही रही थी कि चीन ने ये हरक्त दुसरी बार की है। 

रक्षा मंत्री अपने अरुणाचल दौरे पर 22 सीमावर्ती पुलों का उद्घाटन करके चीन को अपनी हरक्तों से बाज आने के लिए संदेश देने वाले हैं। बीआरओ के मुताबिक चार पुल अरुणाचल प्रदेश में हैं और 8 पुल एलएसी से सटे पूर्वी लद्दाख में स्थित हैं जिनका ई-उद्घाटन किया जाने वाला है. 

सीमा की सड़कों पर तेजी से काम कर रहा है बीआरओ

बता दें कि बीआरओ लगातार सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है। देखा गया है कि तेजी से सड़कें बनाई जा रही हैं ताकि भारतीय सेना को इधर उधर जाने में कोई परेशानी न आए. 

सन् 2022 में बीआरओ ने सीमावर्ती इलाकों में 103 प्रोजेक्ट पूरे किए थे। इनमें 30 सड़कें, 67 पुल और दो हेलिपैड भी बनाए गए हैं। बीआरओ का कहना है कि सीमा पर भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर चीन के मुकाबले कम नहीं है। ऐसे में भारतीय सेना भी किसी भी लड़ाई का सामना करने के लिए तैयार रहती है.