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हनुमान जयंती कब है? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान राम के सेवक संकटमोचक हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसलिए इस पूर्णिमा तिथि का बेहद महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से उनकी विशेष कृपा हासिल होती है।

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Newz Funda, New Delhi हनुमान जी का 6 अप्रैल को प्रकट उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। श्रीराम जी के परम भक्तके हनुमान जी का इस अलग-अलग स्वरूपों की पूजा जाएगी। हनुमान जी का एक स्वरूप पंचमुखी है। ये स्वरूप वीरता और साहस का प्रतीक है।

इसलिए पंचमुखी हनुमान की पूजा करने से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है, साहस बढ़ता है और हम मुश्किल से मुश्किल काम कर पाते हैं। यहां बता दें कि 6 अप्रैल को चैत्र मास खत्म होगा और वैशाख मास के स्नान शुरू हो जाएंगे। वैशाख मास में नदियों में स्नान करने की परंपरा है।

अंजनी माता के यहां जन्म लिया

बता दें कि त्रेता युग में चैत्र पूर्णिमा पर शिव जी ने अंशावतार के रूप में केसरी और अंजनी के यहां जन्म लिया था। प्रारंभिक नाम हुनमान जी का मारुति था। देवराज इंद्र के प्रहार के कारण मारुति का नाम हनुमान जी हो गया। ज्योतिषचार्ज चैत्र पूर्णिमा विष्णु जी और उनके अवतारों की विशेष पूजा, अभिषेक आदि शुभ कर्म करना चाहिए। इस पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा की जाती है। 

हनुमान जयंती का अभिजीत मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि 5 मार्च सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो रही है. वहीं इसका समापन 6 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा. हनुमान जी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हुआ था.

इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी. रामभक्त हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 06.06 मिनट से 07.40 मिनट तक का है. इस दिन का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.02 से दोपहर. 12.53 तक है.

ऐसे करें पाठ पूजा

हनुमान जी के प्रकट उत्सव पर विशेष पूजा करें। इसके लिए सुबह नहाने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। सूर्य देव हनुमान जी के गुरु हैं। सूर्य देव की पूजा से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। इसके लिए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले गणेश पूजा करें। गणेश जी को स्नान कराएं। गणेश जी का हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। दूर्वा चढ़ाएं। लड्डू का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

हनुमान का ऐसे करें अभिषक

इसी के साथ साथ हनुमान का अभिषक करें राम दरबार के साथ हनुमान जी का अभिषेक करें। हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। पूजन सामग्री अर्पित करें। भगवान के सामने धूप-दीप जलाएं।

हार-फूल चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं। हनुमान प्रकट दिवस पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। ऊँ रामदूताय नम: मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।