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Nautapa: ज्येष्ठ माह में नौतपा के अंदर जल दान से कभी न खत्म होने वाला मिलता है पुण्य, जानें

नौतपा 25 मई से 2 जून तक है। इस दौरान सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक धरती के उत्तरी हिस्से पर रहती है।
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Newz Funda, New Delhi ज्येष्ठ माह शुरू होने के बाद पांच दिन बीत चुके हैं। इस ज्येष्ठ माह में ही नौतपा रहता है। बता दें कि वर्ष में एक ही बार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आता है, इसके बाद नौतपा शुरू हो जाता है। इस बार नौतपा 25 मई से 2 जून तक है।

इस दौरान सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक धरती के उत्तरी हिस्से पर रहती है। जिससे जमीन तेज तपती है। इन तपते दिनों में किए गए जल दान से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है।

इस नौतपा के दौरान 31 मई को निर्जला एकादशी व्रत किया जाएगा। गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने परंपरा है। अगले दिन निर्जला एकादशी रहती है। इस उपवास के दौरान निर्जल रहकर किया जाता है। यह व्रत पानी के महत्व को बताता है

ये भी करें

इस माह में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ नहाने के बाद भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण, शिवजी, हनुमानजी और सूर्य पूजा करें। इस पवित्र माह में जलदान करने की भी परंपरा है। जिससे मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता, इसलिए ज्येष्ठ माह को पवित्र माह कहा जाता है।

शिव पूजा का भी माह

बता दें कि ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु के साथ ही श्रीकृष्ण की पूजा भी करें। भगवान के बाल रूप यानी लड्‌डू गोपाल का शीतल जल से अभिषेक करें। माखन-मिश्री का भोग तुलसी के पत्तों के साथ लगाएं। इसी के साथ साथ चंदन लेप भी लगाएं।

इसी के साथ शिवलिंग पर शीतल जल चढ़ाने का महत्व पुराणों में बताया है। जिससे जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस दौरान चांदी के लोटे से शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र, आंकड़ा, धतूरा, शहद आदि चीजें भगवान को जरूर अर्पित करें।

नौतपा में क्या न करें

1. नौतपा के 09 दिनों में आंधी, तूफान की आशंकी बनी रहती है, ऐसे में शादी, मुंडन या अन्य मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए.

2. नौतपा के समय में तेल, मसाला, गरिष्ठ भोजन करने से बचना चाहिए. इन दिनों में अत्यधिक भोजन करना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है.

3. नौतपा में सूर्य की प्रचंड गर्मी के कारण धरती का तापमान बढ़ जाता है, इस स्थिति में यात्रा करने से बचें अन्यथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं.

4. इस समय में मांसाहार या तामसिक भोजन न करें. यह सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकता है.

नौतपा में क्या करें

1. नौतपा के समय में हल्का और सुपाच्य भोजन करें, जो आसानी से पच सके.

2. इस समय में आपको जल का अधिक सेवन करना चाहिए, ताकि शरीर में जल की कमी न हो.

3. इस समय में पशु पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें. छत पर या खुले में पक्षियों के लिए दाना पानी रखें. इससे पुण्य मिलता है.

4. नौतपा में लोगों को शीतल जल पिलाएं. इसके लिए घर के बाहर मिट्ठी के घड़े में पानी रख सकते हैं. वैसे भी ज्येष्ठ माह में जल का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है. सूर्य देव प्रसन्न होते हैं.

5. पेड़ पौधों में भी उचित जल की व्यवस्था करें. हरे पेड़ पौधों की सेवा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं.

6. नौतपा में उन फलों का सेवन और दान करें, जिसमें जल की मात्रा अधिक होती है. इस समय में पंखा का दान करना भी पुण्यकारी होता है.