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आज से शुरू हो रहा है साल का अंतिम Agni Panchak, भूलकर भी न करें ये गलतियां

अग्नि पंचक साल का अंतिम शुरू हो चुका है। इस दौरान कुछ उपाय जरूर करने चाहिए, जो आपको बता रहे हैं।

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Newz Funda, New Delhi इस साल का अंतिम Agni Panchak शुरू हो गया है। मान्यता है कि ये सबसे अशुभ काल होता है। इस दौरान घर में कोई भी शुभ काम करने से बचना ही बेहतर रहता है।

आपको बता दें कि इस बार अंतिम पंचक 27 दिसंबर से शुरू हुआ है। यानी आज से चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे पद में होगा। शतभिषा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद और पूर्वाभाद्रपद के चारों चरणों में चंद्रमा की मूवमेंट होगी, इसी काल को पंचक कहा जाता है। जिसमें शुभ कामों को करने से बचा जाता है।

मान्यता ये भी है कि जब चंद्रमा का कुंभ और मीन राशि में प्रवेश होता है, इसी काल से पंचक डेट की शुरुआत हो जाती है। इसके अलावा मंगलवार को जो पंचक होता है, उसे ही अग्नि पंचक की संज्ञा दी गई है।

वहीं, इसकी कुल अवधि 5 दिन की होती है। जब कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। आगे खबर में पंचक के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।  

यह भी बता दें कि पंचक हर माह 5 दिन के लिए लगता है। मंगलवार को अंतिम पंचक सुबह 3 बजकर 31 मिनट पर शुरू हुआ है। यानी अब यह 31 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 47 मिनट तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि के बीच में जरूरी उपाय करने होंगे, जिनके बारे में आगे बता रहे हैं।

इन कामों को करने से बचें

सबसे पहले सावधानी लकड़ी को लेकर बरतें। कोशिश करें कि इस दौरान आप न तो लकड़ी को खरीदें और न ही घर में एकत्रित होने दें। बाहर से लकड़ी को बनवाने से भी परहेज करें। वहीं, दक्षिण दिशा में ट्रेवल करने से बचें। यह यमराज की साइड मानी जाती है। 

इसके अलावा कभी भी घर में निर्माण कार्य इस बीच न होने दें। कभी भी घर में छत और लेंटर आदि नहीं डलवानी चाहिए। अगर घर में किसी की डेथ हुई है, तो साथ में 5 पुतले आटे के भी रखने से पंचक का दोष नहीं लगता है। साथ में शैय्या का निर्माण भी न करवाएं। 

पंचक के दौरान बेड की खरीदारी से भी बचें। पंचक के दौरान मजबूरी में कोई निर्माण कार्य करवाना पड़े तो पहले लोगों में मिठाई बांटें। हनुमान जी को 5 फल चढ़ाकर दक्षिण दिशा की यात्रा कर सकते हैं।